डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर दावे पर भारत का स्पष्ट खंडन
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर कई बार दावा किया है कि उन्होंने इसे संभव बनाया। लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय ने उनके दावों को खारिज कर दिया है, यह स्पष्ट करते हुए कि अमेरिका के साथ व्यापार पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। इस लेख में जानें ट्रंप के दावों की सच्चाई और भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष की स्थिति के बारे में।
May 29, 2025, 17:06 IST
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ट्रंप का विवादास्पद दावा
जब दो देशों के बीच पहले से ही युद्ध जैसी स्थिति हो, तब एक तीसरा व्यक्ति बिना बुलाए दखल दे रहा है, और वह भी दूल्हे के रूप में। यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष को 24 घंटे में समाप्त करने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप, भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर पिछले 10 दिनों में कई बार क्रेडिट लेने की कोशिश कर चुके हैं। लेकिन हर बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा है। हाल ही में, भारत ने ट्रंप के टैरिफ संबंधी दावे को एक बार फिर से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी शिविरों पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद, अमेरिका के साथ व्यापार पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर
भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई थी। ट्रंप ने हाल ही में यह दावा किया था कि उन्होंने सीजफायर कराया और संभावित न्यूक्लियर युद्ध को टाला। इस पर समिति के कई सदस्यों ने सवाल उठाए। 10 मई को, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच, ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी रात की बातचीत के बाद दोनों देश पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं। इसके बाद, भारत के विदेश मंत्रालय ने उनके दावे का खंडन करते हुए कहा कि सैन्य संघर्ष विराम दोनों देशों के बीच डीजीएमओ-स्तरीय वार्ता का परिणाम था।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत-पाकिस्तान सीजफायर में ट्रंप की भूमिका को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि ट्रंप ने 11 दिन के भीतर 3 देशों में 8 बार यह दावा किया है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का गाजर दिखाकर भारत और पाकिस्तान को बहकाया है। इस पर विदेश मंत्रालय ने अपने साप्ताहिक ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि सीजफायर के दौरान व्यापार के किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई थी।