डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल पुरस्कार की उम्मीदें: क्या यह संभव है?

क्या होता अगर ट्रंप 20वीं सदी में राष्ट्रपति होते?
कल्पना कीजिए कि यदि डोनाल्ड ट्रंप 20वीं सदी में राष्ट्रपति होते, तो शायद कई महत्वपूर्ण घटनाएं टल जातीं। जैसे कि विश्व युद्ध, भारत-पाकिस्तान का विभाजन, बर्लिन की दीवार का निर्माण, और शीत युद्ध। ऐसा लगता है कि ट्रंप को अपने नाम के साथ 'सीजफायर' जोड़ लेना चाहिए, क्योंकि व्हाइट हाउस के अनुसार, उनका मुख्य कार्य केवल सीजफायर कराना है।
ट्रंप की आत्ममुग्धता
अधिकतर नेता आत्ममुग्ध होते हैं, लेकिन ट्रंप इस मामले में एक कदम आगे हैं। वे बिना किसी संकोच के अपनी प्रशंसा करते हैं, और अब व्हाइट हाउस ने उनके लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की है। यह तर्क दिया गया है कि ट्रंप ने कई देशों के बीच शांति स्थापित की है।
ट्रंप का शांति का रिकॉर्ड
हालांकि, ट्रंप ने केवल 6 महीनों में 529 बम गिराए हैं, जबकि उनके पूर्ववर्ती जो बाइडेन ने चार साल में 555 बम गिराए। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो शांति की बात करने वाले व्यक्ति के लिए चिंताजनक है।
विदेशी सहायता में कटौती
ट्रंप ने अमेरिका की 80% विदेशी सहायता को समाप्त कर दिया, जिससे कई गरीब देशों में स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। एक अध्ययन के अनुसार, इन कटौतियों के कारण 2030 तक 14 मिलियन लोगों की मौत हो सकती है।
ट्रंप पर आरोप
ट्रंप पर कई यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगे हैं, और उनके बयानों से यह स्पष्ट होता है कि वे महिलाओं के प्रति किस तरह का दृष्टिकोण रखते हैं। यदि ट्रंप को नोबेल पुरस्कार चाहिए, तो उन्हें शांति का असली अर्थ समझना होगा।