डोनाल्ड ट्रंप की रूस-यूक्रेन वार्ता पर नई रणनीति
ट्रंप की रूस-यूक्रेन वार्ता की योजना
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नजरें हैं। इजरायल और हमास के मुद्दे को सुलझाने के बाद, ट्रंप अब इस युद्ध को समाप्त करने का श्रेय लेना चाहते हैं। हालांकि, ऐसा लगता है कि यह संभव नहीं हो पा रहा है। पहले बुडापेस्ट में ट्रंप और पुतिन की बैठक की योजना थी, लेकिन अब ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि वे बेकार की बैठक नहीं करना चाहते। यह बयान तब आया जब दोनों नेताओं की आमने-सामने मुलाकात रद्द कर दी गई।
ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, 'मैं नहीं चाहता कि बैठक बेकार जाए। मैं अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता। देखते हैं आगे क्या होता है।' उन्होंने यह भी संकेत दिया कि मुलाकात न होने का मुख्य कारण रूस का यूक्रेन में युद्ध जारी रखना है। व्हाइट हाउस ने भी पुष्टि की है कि फिलहाल दोनों नेताओं की मुलाकात की कोई योजना नहीं है।
कुछ हफ्ते पहले ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसके बाद ट्रंप ने बुडापेस्ट में पुतिन से मिलने की घोषणा की थी। लेकिन मंगलवार को क्रेमलिन ने कहा कि अब इस बैठक की संभावना बहुत कम है। इसके बाद व्हाइट हाउस ने आधिकारिक रूप से बैठक रद्द होने की घोषणा की। रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि जिस बैठक की कोई तारीख तय नहीं थी, उसे स्थगित नहीं कहा जा सकता।
जब पुतिन से बातचीत नहीं हो पाई, तो ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन किया। उन्होंने पहले ही रूस से तेल खरीद पर भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया था। जब इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ा, तो ट्रंप ने मोदी को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत को रूस के साथ तेल व्यापार 'कम' करना चाहिए। चीन के साथ व्यापार के मुद्दे पर भी ट्रंप का टैरिफ युद्ध जारी है।
