डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का असर: भारत और रूस ने नहीं झुका

डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से उनकी नीतियों ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है। भारत और रूस ने उनकी धमकियों का सामना करते हुए अपनी स्थिति को मजबूती से बनाए रखा है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाया और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस को चेतावनी दी, लेकिन उनकी रणनीतियों का कोई असर नहीं हुआ। जानें इस लेख में ट्रंप की नीतियों का विस्तृत विश्लेषण और रूस-यूक्रेन संघर्ष की ताजा स्थिति।
 | 
डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का असर: भारत और रूस ने नहीं झुका

ट्रंप की मनमानी और वैश्विक प्रतिक्रिया

व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से, उन्होंने अपने आदेशों को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनकी नीतियों से न केवल कई देशों में असंतोष बढ़ा है, बल्कि अमेरिका में भी उनके खिलाफ आवाज उठ रही है। ट्रंप का उद्देश्य सभी को अपने सामने झुकाना है, जिसके लिए वे धमकियों, टैरिफ और यहां तक कि सैन्य शक्ति का सहारा लेने के लिए तत्पर रहते हैं। हालांकि, भारत और रूस ने उनकी धमकियों को नजरअंदाज करते हुए अपनी स्थिति को मजबूती से बनाए रखा है।


भारत पर टैरिफ का प्रभाव

ट्रंप ने भारत के खिलाफ रूस से तेल खरीदने पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, लेकिन भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हाल ही में चीन में आयोजित SCO समिट में प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उपस्थित रहे। इसी तरह, ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस को चेतावनी दी थी, जिसमें भी उनकी स्थिति कमजोर हुई है।


ट्रंप की समय सीमा और रूस की स्थिति

रूस और यूक्रेन के नेताओं के साथ बैठक के बाद, ट्रंप ने कहा कि वे दो हफ्तों तक इंतजार करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि क्या यूक्रेन में शांति की दिशा में कोई प्रगति होती है। यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने मास्को के लिए कोई समय सीमा निर्धारित की है, लेकिन अभी तक उन्होंने रूस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए हैं।


ट्रंप की डेडलाइन का परिणाम

ट्रंप ने 21 अगस्त को कहा था कि हमें दो हफ्तों के भीतर यह जानने को मिलेगा कि यूक्रेन में शांति होगी या नहीं। इसके बाद, उन्हें शायद कोई अलग रास्ता अपनाना पड़ेगा। हालांकि, यूक्रेन पर रूस के हमले जारी हैं और ट्रंप ने दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।


रूस का ताजा हमला

बुधवार को रूस ने यूक्रेन पर 500 से अधिक ड्रोन और दो दर्जन मिसाइलें दागीं। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति और यूरोपीय नेता यूक्रेनी सुरक्षा को मजबूत करने और अमेरिकी नेतृत्व वाले शांति प्रयासों को गति देने के लिए बातचीत कर रहे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बताया कि रूस के हमलों का मुख्य लक्ष्य नागरिक बुनियादी ढांचे, विशेषकर ऊर्जा सुविधाएं थीं।