डोनाल्ड ट्रंप का यूएन पर तीखा हमला: खराब कार्यप्रणाली और आर्थिक संकट का जिक्र

यूएन महासभा में ट्रंप का बयान

संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएन की आलोचना की। उन्होंने खराब टेलीप्रॉम्पटर का हवाला देते हुए कहा कि यूएन की कार्यप्रणाली भी उसी तरह की है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें यह काम खुद करना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले सात महीनों में सात युद्धों को समाप्त किया है, जिससे लाखों लोगों की जानें बचाई गई हैं। यह कार्य यूएन का होना चाहिए था, लेकिन इसकी कार्यप्रणाली में कमी है।
ट्रंप ने कहा कि यूएन की स्थापना शांति के लिए की गई थी, लेकिन अब यह कार्य उन्हें करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यूएन केवल पत्र लिखने तक सीमित रह गया है, जिससे युद्धों का अंत नहीं हो रहा है।
जब ट्रंप यह बातें कह रहे थे, उनकी पत्नी मेलेनिया मुस्कुरा रही थीं। ट्रंप यूएन जनरल असेंबली की 80वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसमें अमेरिका स्थायी सदस्य है।
टेलीप्रॉम्पटर की खराबी पर ट्रंप ने मजाक करते हुए कहा कि उन्हें पता है कि इसकी जिम्मेदारी किसकी है और उनकी नौकरी खतरे में है। उन्होंने कहा कि खराब टेलीप्रॉम्पटर उनके भाषण को प्रभावित नहीं करेगा।
अमेरिकी फंडिंग में कटौती और चीन से समय पर फंड न मिलने के कारण यूएन की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
ट्रंप ने आगे कहा कि जब वह यूएन में बोलने आए थे, तो एस्क्लेटर भी खराब था। उन्होंने मजाक में कहा कि मेलेनिया फिट हैं, इसलिए वह बच गईं, लेकिन उन्हें गिरने का डर था।
उन्होंने कहा कि उन्हें नोबेल पुरस्कार की इच्छा नहीं है, क्योंकि उन्होंने लाखों लोगों की जानें बचाई हैं। जब लोग युद्ध से लौटते हैं, तो उनकी खुशी किसी भी पुरस्कार से अधिक महत्वपूर्ण है। ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध का भी उल्लेख किया और कहा कि रूस यूक्रेन के नागरिकों को नुकसान पहुंचा रहा है, जबकि यूरोपीय देश रूस से तेल खरीदने में लगे हैं।