डोनाल्ड ट्रंप का ब्रिक्स पर कड़ा रुख: अमेरिका के हितों की सुरक्षा

ट्रंप का ब्रिक्स पर बयान
अमेरिका की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि ब्रिक्स अमेरिका के राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका के साथ उचित व्यवहार किया जाए।
लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति का मानना है कि ब्रिक्स देशों की गतिविधियाँ अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं। ट्रंप के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने देश के हितों की रक्षा करें। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर ध्यान दे रहे हैं और इसे अमेरिका के खिलाफ एक प्रयास के रूप में देख रहे हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की जानकारी
6-7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और नए सदस्य देशों के नेता शामिल हुए। ट्रंप ने इस सम्मेलन पर ध्यान देने का निर्णय लिया और इस संबंध में एक बयान जारी किया।
लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति को लगता है कि ये देश केवल अमेरिका के हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनके लिए उचित नहीं है।
अमेरिका विरोधी नीतियों पर चेतावनी
कैरोलिन लेविट की टिप्पणी ट्रंप द्वारा ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले देशों को चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा कि ब्रिक्स की नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा, और यह ट्रंप के प्रशासन के सख्त रुख को दर्शाता है।
टैरिफ और व्यापार संबंधी चिंताएँ
ट्रंप के बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी प्रशासन ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक के बाद सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। बैठक में व्यापार और वित्त से संबंधित एकतरफा कार्यों के खिलाफ चिंता व्यक्त की गई थी।
बयान में कहा गया है कि व्यापार को विकृत करने वाले उपायों का विरोध किया गया है, जो विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप नहीं हैं।
ब्रिक्स देशों का लचीलापन
बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि ब्रिक्स देशों ने इस कठिन समय में लचीलापन दिखाया है और वे एक निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार प्रणाली को बनाए रखने के लिए सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ब्रिक्स राष्ट्र, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, अब वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।