डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला: विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ा निर्णय लिया है, जिसमें उन्होंने विदेशों में निर्मित फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की। इस कदम का सीधा असर भारतीय फिल्मों पर पड़ सकता है, जो अमेरिका में तेजी से बढ़ते बाजार का हिस्सा हैं। ट्रंप ने अपने पोस्ट में बताया कि यह निर्णय अमेरिका के फिल्म उद्योग को अन्य देशों से बचाने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, उन्होंने फर्नीचर उद्योग के लिए भी टैरिफ लगाने की बात की है। जानें इस फैसले के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला: विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति का नया टैरिफ ऐलान

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला: विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ

सोमवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने विदेशों में निर्मित फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय लिया। यह कदम भारत में बनी फिल्मों पर भी प्रभाव डाल सकता है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के माध्यम से इस टैरिफ का ऐलान किया।

उन्होंने अपने संदेश में कहा कि अमेरिका का फिल्म उद्योग अन्य देशों द्वारा ठगा जा रहा है, जैसे किसी बच्चे से उसकी कैंडी छीन ली जाती है। इसके अलावा, उन्होंने कैलिफोर्निया के गवर्नर की कमजोरी को भी इस समस्या का कारण बताया। उन्होंने कहा कि इस लंबे समय से चल रही समस्या का समाधान करने के लिए यह टैरिफ लागू किया जाएगा।

इसके तुरंत बाद, ट्रंप ने एक और पोस्ट में उत्तरी कैरोलिना के फर्नीचर उद्योग के नुकसान का जिक्र किया और कहा कि वह उन देशों पर भी टैरिफ लगाएंगे जो अमेरिका में फर्नीचर का उत्पादन नहीं करते। उन्होंने इस विषय पर और जानकारी देने का आश्वासन दिया।

यह घोषणा 26 सितंबर को की गई थी, जब ट्रंप ने कहा था कि उनका प्रशासन 1 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर भी 100 प्रतिशत शुल्क लगाएगा, जब तक कि दवा कंपनियां अमेरिका में उत्पादन संयंत्र स्थापित नहीं कर लेतीं।

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका में भारतीय फिल्मों का कारोबार लगभग 20 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। यदि भारतीय फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाता है, तो इसका सीधा असर भारतीय फिल्म उद्योग पर पड़ेगा। महामारी से पहले, अमेरिका में भारतीय फिल्म बाजार केवल 8 मिलियन डॉलर का था, लेकिन महामारी के बाद यह तेजी से बढ़कर लगभग 20 मिलियन डॉलर हो गया है।