डोनाल्ड ट्रंप का नोबेल पुरस्कार जीतने का सपना टूटा
नोबेल पुरस्कार की घोषणा
नोबेल पुरस्कार का ऐलान नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में किया गया, जहां इस बार 338 उम्मीदवारों ने भाग लिया। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम सबसे अधिक चर्चा में रहा, क्योंकि उन्होंने कई बार इस पुरस्कार के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।
हाल ही में, ट्रंप ने कहा था कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारत-पाकिस्तान सहित सात युद्धों को रोकने में मदद की। लेकिन अब उनका यह सपना टूट चुका है। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली व्यक्ति मारिया कोरिना मचाडो बनी हैं, जिन्हें वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
कमेटी की टिप्पणी
नोबेल पुरस्कार की कमेटी ने कहा कि उन्होंने हमेशा उन बहादुर व्यक्तियों का सम्मान किया है, जिन्होंने दमन के खिलाफ खड़े होकर स्वतंत्रता की उम्मीद को जीवित रखा। कमेटी ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष मचाडो को अपनी सुरक्षा के लिए छिपना पड़ा था, लेकिन उन्होंने अपने देश में रहने का निर्णय लिया।
मारिया कोरिना मचाडो का परिचय
मारिया कोरिना मचाडो का जन्म 7 अक्टूबर 1967 को वेनेज़ुएला की राजधानी कराकस में हुआ। उन्होंने एंड्रेस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से औद्योगिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और वित्त में ग्रेजुएशन किया।
ट्रंप का नामांकन
डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए आठ देशों ने नामांकित किया था, जिनमें पाकिस्तान, इजराइल, अमेरिका, आर्मेनिया, अजरबैजान, माल्टा और कंबोडिया शामिल हैं। हर साल 1 फरवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होती है और 31 जनवरी तक प्राप्त नाम ही मान्य होते हैं।
पिछले वर्ष का पुरस्कार
पिछले वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार जापान के निहोन हिडांक्यो को दिया गया था, जो हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिकी परमाणु बम हमलों से प्रभावित लोगों द्वारा स्थापित किया गया था।