डोनाल्ड ट्रंप का दावा: भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका का दावा किया। उन्होंने कहा कि यह टकराव संभवतः परमाणु युद्ध में बदल सकता था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि उन्होंने पांच विमानों को गिराने के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत की। इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका की भूमिका को भी उजागर किया, जिसमें ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट करने और अन्य संघर्षों को रोकने का उल्लेख किया।
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डोनाल्ड ट्रंप का दावा: भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोका

ट्रंप का बयान

मंगलवार रात, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह टकराव संभवतः "परमाणु युद्ध" में बदल सकता था। व्हाइट हाउस में आयोजित एक स्वागत समारोह में ट्रंप ने कहा, "हमने भारत और पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रवांडा के बीच युद्ध को रोका।"


सैन्य टकराव का जिक्र

ट्रंप ने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के दौरान पांच विमानों को गिराया गया और उन्होंने इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद की। उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें फोन किया और कहा, 'अब और व्यापार नहीं। अगर आप ऐसा करेंगे तो इससे आपका कोई भला नहीं होगा।' ये दोनों देश शक्तिशाली परमाणु संपन्न हैं और इसके परिणामों का कोई अनुमान नहीं लगा सकता। मैंने इसे रुकवा दिया।"


अमेरिका की भूमिका

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अमेरिका ने ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट कर दिया और कोसोवो तथा सर्बिया के बीच संघर्ष को भी रोका। उन्होंने बार-बार कहा है कि व्यापार के माध्यम से उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव को रोकने में मदद की है।


संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की शीर्ष राजनयिक ने भी कहा कि ट्रंप प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की है। कार्यवाहक अमेरिकी प्रतिनिधि राजदूत डोरोथी शिया ने यूएनएससी में कहा कि अमेरिका विवादों में मध्यस्थता करने और शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।


पाकिस्तान के आतंकवादी हमले का जिक्र

भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने यूएनएससी में पहलगाम आतंकवादी हमले का उल्लेख किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ने ली थी।