डोनाल्ड ट्रंप का दावा: छह युद्धों का अंत

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया है कि उन्होंने पिछले छह महीनों में छह युद्धों को समाप्त किया है। उनके इस दावे पर विवाद भी उठ रहे हैं, जिसमें उनके समर्थक और विरोधी दोनों शामिल हैं। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान, ईरान-इजराइल, और कंबोडिया-थाईलैंड जैसे संघर्षों को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जानें उनके दावों की सच्चाई और इसके पीछे की कहानी।
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डोनाल्ड ट्रंप का दावा: छह युद्धों का अंत

ट्रंप का शांति प्रयास

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि उन्होंने पिछले छह महीनों में छह युद्धों को समाप्त किया है। सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक से पहले उन्होंने यह दावा किया। ओवल ऑफिस में जेलेंस्की के साथ बातचीत के दौरान भी ट्रंप ने अपने इस दावे को दोहराया। वर्तमान में, ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास में लगे हुए हैं। उन्होंने पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और फिर जेलेंस्की से। ये दोनों मुलाकातें एक सप्ताह के भीतर हुईं।


ट्रंप के दावों पर विवाद

ट्रंप का कहना है कि वह हर महीने एक युद्ध समाप्त करवा रहे हैं। उनके समर्थक उन्हें 'पीसमेकर इन चीफ' के नाम से पुकारने लगे हैं, जबकि उनके विरोधियों का आरोप है कि ट्रंप यह सब नोबेल पुरस्कार पाने के लिए कर रहे हैं, जिसकी इच्छा उन्होंने लंबे समय से रखी है। विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के संघर्षों में शांति समझौतों के लिए ट्रंप को कुछ श्रेय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड, इजराइल और ईरान, और भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षों का उल्लेख किया। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर पर ट्रंप के श्रेय पर सवाल उठाया है।


कौन-कौन से युद्ध समाप्त हुए?

ट्रंप का दावा है कि उन्होंने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका। हालांकि, भारत ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान शांति की गुहार लेकर आया था। 10 मई को ट्रंप के दावे के कुछ घंटों बाद, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से बातचीत की और दोनों पक्षों ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई।


ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष

13 जून को इजराइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसमें कई प्रमुख अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इसके जवाब में, ईरान ने इजराइली शहरों और सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया, जिसके बाद ट्रंप ने 23 जून को सीजफायर कराने में सफलता प्राप्त की।


कॉन्गो और रवांडा का संघर्ष

27 जून को, रवांडा और कॉन्गो के विदेश मंत्रियों ने अमेरिका की मध्यस्थता में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे लगभग 30 वर्षों से चल रहा संघर्ष समाप्त हुआ। ट्रंप ने इसे शांति के लिए एक बड़ी जीत बताया।


कोसोवो और सर्बिया के बीच तनाव

ट्रंप ने कहा कि 27 जून को कोसोवो और सर्बिया के बीच युद्ध होने वाला था, लेकिन उन्होंने इसे रोकने का दावा किया। हालांकि, सर्बिया ने युद्ध की योजना से इनकार किया।


कंबोडिया और थाईलैंड का संघर्ष

24 जुलाई को कंबोडिया और थाईलैंड के बीच तनाव बढ़ गया था, जिसमें कई लोग मारे गए थे। ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से बात की और 28 जुलाई को युद्धविराम की घोषणा की।


मिस्र और इथोपिया का जल विवाद

मिस्र और इथोपिया के बीच जल विवाद के कारण संघर्ष शुरू हुआ। ट्रंप ने कहा कि वह इस मुद्दे का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं।