डोंगरगढ़ में तेंदुए के हमले से ग्रामीण घायल, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
डोंगरगढ़ में तेंदुए का हमला
डोंगरगढ़
डोंगरगढ़ थाना के मोहारा पुलिस चौकी क्षेत्र में स्थित ग्राम लोझरी में उस समय हड़कंप मच गया जब एक ग्रामीण नीम की पत्तियां लेने जंगल गया और अचानक तेंदुए के हमले का शिकार हो गया। इस हमले में ग्रामीण केज़उ राम कंवर गंभीर रूप से घायल हो गए। तेंदुए के पंजों से सिर पर गहरी चोट लगने के बाद परिजनों और अन्य ग्रामीणों ने उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब डोंगरगढ़ वन क्षेत्र में तेंदुए की गतिविधियों की खबरें आई हैं। कुछ महीने पहले इसी क्षेत्र में एक तेंदुए का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था, लेकिन इसके बावजूद जंगल के आसपास के गांवों में तेंदुए की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि लोझरी, मोहारा और आस-पास के जंगलों में शाम होते ही तेंदुए की उपस्थिति महसूस की जाती है। पहले मवेशियों पर हमले की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब इंसानों पर हमले की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने कई बार सूचनाएं देने के बावजूद स्थायी निगरानी या सुरक्षा व्यवस्था नहीं की।
वन विभाग और पुलिस की कार्रवाई
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, जंगलों में भोजन की कमी, मानव गतिविधियों का बढ़ना और अवैध आवाजाही तेंदुओं को मानव बस्तियों की ओर खींच रही है। इस कारण संघर्ष अब जानलेवा रूप ले रहा है। घटना के बाद वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची है। क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने, ट्रैप कैमरे लगाने और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जब तक तेंदुए की गतिविधियों पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जाता, तब तक जंगल में जाने पर प्रतिबंध और रात में गश्त अनिवार्य की जाए। डोंगरगढ़ क्षेत्र में यह घटना केवल एक हमला नहीं, बल्कि वन्यजीव प्रबंधन और मानव सुरक्षा के बीच बढ़ते असंतुलन की गंभीर चेतावनी है।
