डॉक्टर प्रवीण सोनी को जमानत देने से कोर्ट ने किया इनकार, बच्चों की मौत का मामला

कोर्ट का निर्णय
मध्य प्रदेश के परासिया सिविल कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम कुमार गुझरे ने हाल ही में गिरफ्तार डॉक्टर प्रवीण सोनी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने बच्चों के लिए कॉल्डरिफ कफ सिरप का प्रिस्क्रिप्शन दिया, जिसके सेवन से कई बच्चों की जान चली गई। अदालत ने कहा कि मामले की जांच अभी भी चल रही है और आरोप गंभीर हैं, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती।
मामले की गंभीरता
हालिया जानकारी के अनुसार, छिंदवाड़ा जिले में कम उम्र के बच्चों को यह सिरप देने के बाद कम से कम 24 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। इसके साथ ही, तमिलनाडु की Sresan Pharmaceuticals के मालिक गोविंदन रंगनाथन को भी गिरफ्तार किया गया है।
सिरप पर बैन
बच्चों की मौत के बाद, भारत के कई राज्यों ने कॉल्डरिफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल की उच्च मात्रा पाई गई, जो विषैला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी भारत में दवा सुरक्षा नियमों में मौजूद खामियों पर चिंता व्यक्त की है।
डॉक्टर का बचाव
डॉ. सोनी के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि सरकार के प्रतिबंध से पहले यह सिरप केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा मान्य और चिकित्सीय उपयोग के लिए प्रमाणित था। वकील ने यह भी बताया कि डॉ. सोनी सरकारी डॉक्टर हैं और पिछले 35-40 वर्षों से चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनके अनुसार, सिरप में मिलावट की जिम्मेदारी पूरी तरह से दवा निर्माता और नियामक एजेंसियों पर है।
पुलिस का दावा
हालांकि, पुलिस का कहना है कि डॉ. सोनी को सिरप लिखने पर 10 प्रतिशत कमीशन मिला था और उनके रिश्तेदार के नाम की दवा की दुकान, जो उनके निजी क्लिनिक के पास स्थित है, वहां यह सिरप बेचा गया। अदालत ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत देने से इनकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर को इस मामले में स्वतंत्र, कोर्ट-निगरानी वाली जांच की मांग वाली जनहित याचिका को भी स्वीकार नहीं किया।