डॉक्टर ने पैसों के लालच में काटे अपने पैर, जानें पूरी कहानी

एक 49 वर्षीय डॉक्टर ने पैसों के लालच में अपने दोनों पैर काट दिए, जिससे पूरे ब्रिटेन में हड़कंप मच गया। नील हॉपर ने 5 लाख पाउंड के बीमा के लिए यह खौफनाक कदम उठाया और सेप्सिस का बहाना बनाया। अदालत में उसकी धोखाधड़ी और दूसरों को उकसाने की साजिश का मामला चल रहा है। जानें इस अजीबोगरीब घटना की पूरी कहानी और हॉपर की प्रतिक्रिया।
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डॉक्टर ने पैसों के लालच में काटे अपने पैर, जानें पूरी कहानी

खौफनाक घटना का खुलासा

डॉक्टर ने पैसों के लालच में काटे अपने पैर, जानें पूरी कहानी


पैसों की लालच में दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कई कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी व्यक्ति ने पैसों के लिए अपने ही अंग काट डाले? एक 49 वर्षीय डॉक्टर ने ऐसा ही एक भयावह कदम उठाया है। इस डॉक्टर ने लगभग 6 करोड़ रुपये के लिए अपने दोनों पैर काट दिए हैं। जब से यह मामला सामने आया है, लोग हैरान हैं और किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि कोई अपने साथ ऐसा कर सकता है।


ब्रिटेन में हुई घटना

यह घटना ब्रिटेन की है, जहां एक सर्जन, नील हॉपर ने 5 लाख पाउंड (लगभग 5.82 करोड़ रुपये) के बीमा के लिए अपने दोनों पैर काट दिए। बाद में उसने बीमा कंपनी को बताया कि सेप्सिस के कारण उसने अपने पैर गंवाए, जबकि सच्चाई यह थी कि उसने खुद यह खौफनाक कार्य किया।


क्लेम की साजिश

हॉपर के खिलाफ अदालत में सबूत पेश किए गए, जिसमें उसके कार्यों की पूरी कहानी बताई गई। उसने 3 जून और 26 जून, 2019 को दो बड़ी बीमा कंपनियों से क्लेम फाइल किया, जिसमें कुल राशि लगभग 5 लाख ब्रिटिश पाउंड थी। उसने पैर गंवाने की झूठी कहानी बनाई। 2023 में उसका मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।


दूसरों को उकसाने का प्रयास

हॉपर पर आरोप है कि उसने एक अन्य व्यक्ति, मारियस गुस्तावसन को भी इसी तरह के कार्य के लिए उकसाया। अदालत में प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार, हॉपर ने एक वेबसाइट से ऐसे वीडियो खरीदे, जो अंगों को काटने की प्रक्रिया को दर्शाते थे। यह साजिश 21 अगस्त, 2018 से 4 दिसंबर, 2020 तक चलती रही।


हॉपर की प्रतिक्रिया

यह जानकर हैरानी होती है कि हॉपर अपने पैर काटने के बाद खुश था। एक इंटरव्यू में उसने कहा, 'अपने पैर गंवाने के बाद जिंदगी ज्यादा रोचक हो गई है।' उसे धोखाधड़ी और दूसरों को उकसाने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला अभी भी अदालत में चल रहा है और पूरे ब्रिटेन में चर्चा का विषय बना हुआ है।