डॉ. रेड्डीज लैब्स को 2.16 करोड़ का साइबर फ्रॉड, ठगों ने फर्जी ईमेल से किया धोखा
डॉ. रेड्डीज लैब्स का बड़ा धोखाधड़ी मामला
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज भारत की प्रमुख फार्मा कंपनियों में से एक है।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, जो देश की एक प्रमुख दवा निर्माता कंपनी है, हाल ही में एक बड़े साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनी है। यह धोखाधड़ी 2.16 करोड़ रुपये की है, और यह एक फर्जी ईमेल के माध्यम से की गई। यह मामला 5 नवंबर को बेंगलुरु सिटी साइबर क्राइम पुलिस में दर्ज FIR के जरिए उजागर हुआ।
धोखाधड़ी का तरीका
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह धोखाधड़ी दो कंपनियों के बीच सामान्य व्यापारिक लेन-देन के दौरान हुई। डॉ. रेड्डीज को अपने सप्लायर, ग्रुप फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, को सामान की आपूर्ति के लिए 2.16 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। दोनों कंपनियों की वित्तीय टीमें इस भुगतान के संबंध में ईमेल के जरिए संपर्क में थीं।
साइबर ठगों ने इस बातचीत को हैक कर लिया और सही समय का इंतजार किया। 3 नवंबर को, जब डॉ. रेड्डीज की वित्तीय टीम भुगतान करने वाली थी, उन्होंने एक फर्जी ईमेल भेजा। इस ईमेल को ग्रुप फार्मास्युटिकल्स के एक एग्जीक्यूटिव के नाम से भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि भुगतान एक नए खाते में किया जाए।
ठगों ने असली अधिकारी के ईमेल पते में एक बड़ा अक्षर जोड़कर फर्जी ईमेल बनाया, जिससे यह धोखा देना आसान हो गया। डॉ. रेड्डीज की टीम ने इसे असली समझकर 2.16 करोड़ रुपये उस फर्जी खाते में ट्रांसफर कर दिए।
धोखाधड़ी का खुलासा
यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब ग्रुप फार्मास्युटिकल्स ने डॉ. रेड्डीज से अपने बकाए के लिए संपर्क किया। तब दोनों कंपनियों को एहसास हुआ कि उन्हें धोखा दिया गया है। शिकायत दर्ज कराने के बाद, पुलिस ने फर्जी खाते को फ्रीज करने और पैसे वापस दिलाने का अनुरोध किया है।
पुलिस अब इस साइबर फ्रॉड के नेटवर्क की जांच कर रही है, जो बेंगलुरु से वडोदरा तक फैला हुआ है। इस मामले में आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
