डेंगू के गंभीर मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता

डेंगू बुखार के गंभीर मामलों में सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। हाल ही में एक युवक की स्थिति ने इस बात को उजागर किया है कि घरेलू उपचारों से स्थिति और बिगड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि रक्तचाप और प्लेटलेट्स की निगरानी करना महत्वपूर्ण है। जानें कि डेंगू के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं, ताकि स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
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डेंगू के गंभीर मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता

डेंगू के प्रभाव और उपचार


एआईएमएस के मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर, डॉ. नीरज निश्चल ने बताया कि युवा लोगों में डेंगू की गंभीरता का कारण आराम की कमी और शरीर में तरल पदार्थ की कमी होती है।


केस अध्ययन


एक 29 वर्षीय युवक, जो मुरादाबाद में वेंटिलेटर पर था, को पिछले पांच दिनों से बुखार था। जांच में उसे डेंगू पाया गया। उसके परिवार ने प्लेटलेट्स की चिंता में उसे घरेलू उपचार देने का प्रयास किया, जिसमें कड़वे पत्ते शामिल थे, जिससे उसे उल्टी हुई। उसकी स्थिति बिगड़ गई और उसे दिल्ली लाया गया, जहां राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उल्टी के कारण वह डिहाइड्रेशन से शॉक में चला गया था।


डॉ. नवल विक्रम, एआईएमएस के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर, ने कहा कि डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी से पहले रक्तचाप की निगरानी करना अत्यंत आवश्यक है। कैपिलरी लीक होने से जान का खतरा बढ़ सकता है।


तीन महत्वपूर्ण जांचें


डॉ. नीरज निश्चल ने बताया कि डेंगू में कैपिलरी लीक सबसे बड़ी समस्या है। ये छोटी रक्त वाहिकाएं शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संचार करती हैं। इस बीमारी में, कैपिलरी की दीवारें अधिक छिद्रित हो जाती हैं, जिससे रक्त कोशिकाएं रिसकर शरीर में जमा हो जाती हैं। इससे तरल प्लाज्मा की कमी होती है, जो रक्तचाप को गिराता है। डेंगू के मरीजों के लिए रक्तचाप, हिमैटोक्रिट और प्लेटलेट्स की गणना तीन महत्वपूर्ण जांचें हैं।


क्या करें और क्या न करें— डेंगू के दौरान आराम करना और तरल पदार्थ लेना आवश्यक है, जिसमें शराब और कोल्ड ड्रिंक शामिल नहीं होने चाहिए। डेंगू बुखार के दौरान केवल पेरासिटामोल का उपयोग करें। बिना कारण के किसी भी फैंसी दवा का सेवन न करें। उल्टी होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।