डी. गुकेश ने मैग्नस कार्लसन को हराकर इतिहास रचा

विश्व चैंपियन डी. गुकेश ने नॉर्वे चेस 2025 के छठे राउंड में पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की। यह पहली बार था जब गुकेश ने क्लासिकल टाइम कंट्रोल में कार्लसन को मात दी। इस जीत ने न केवल गुकेश की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि कार्लसन की निराशा को भी दर्शाया। जानें इस मुकाबले की खास बातें और गुकेश की शानदार वापसी के बारे में।
 | 
डी. गुकेश ने मैग्नस कार्लसन को हराकर इतिहास रचा

डी. गुकेश की ऐतिहासिक जीत

विश्व चैंपियन डी. गुकेश ने एक बार फिर से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। नॉर्वे चेस 2025 के छठे राउंड में उन्होंने पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को पहली बार क्लासिकल टाइम कंट्रोल में हराया। यह मुकाबला नॉर्वे के स्टवान्गर में हुआ, जहां कार्लसन को अपने घरेलू दर्शकों के सामने इस हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद, कार्लसन ने अपनी निराशा को छुपाने की कोशिश नहीं की और मेज पर मुक्का मारते हुए तेजी से वहां से चले गए।


गुकेश की शानदार वापसी

इस टूर्नामेंट के पहले राउंड में गुकेश को कार्लसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। उस हार के बाद, कार्लसन ने सोशल मीडिया पर एक रहस्यमय संदेश साझा किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, 'जब आप राजा के खिलाफ खेलते हैं, तो आपको चूकना नहीं चाहिए।' यह संदेश उनके दबदबे का प्रतीक था, लेकिन छठे राउंड में गुकेश ने इसका करारा जवाब दिया। सफेद मोहरों के साथ खेलते हुए, 19 वर्षीय गुकेश ने पूरे खेल में धैर्य और अनुशासन का परिचय दिया। कार्लसन ने खेल के अधिकांश समय तक बढ़त बनाए रखी, लेकिन गुकेश ने अंत में एक सटीक काउंटरअटैक के साथ जीत हासिल की।


कार्लसन की प्रतिक्रिया

गुकेश की जीत के बाद उनकी खुशी स्पष्ट थी। उन्होंने अपने कोच ग्रेज़गोर्ज गाजेव्स्की से मुलाकात की और दोनों ने एक जोरदार फिस्ट बंप के साथ इस जीत का जश्न मनाया। गाजेव्स्की ने मजाक में कहा कि यह उनके लिए अब तक का सबसे सख्त फिस्ट बंप था। यह जीत गुकेश के लिए विशेष थी, क्योंकि कार्लसन ने पहले उनके क्लासिकल खेल और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता पर सवाल उठाए थे।


कार्लसन की हार का असर

इस हार ने कार्लसन को गहरे सदमे में डाल दिया। खेल खत्म होने के बाद, उन्होंने मेज पर जोर से मुक्का मारा और जल्दी से वेन्यू छोड़कर अपनी कार में चले गए। प्रसिद्ध चेस ग्रैंडमास्टर सुसान पोल्गर ने इस हार को कार्लसन के करियर की सबसे बड़ी हारों में से एक बताया। नॉर्वे शतरंज में इतने वर्षों में दूसरी बार किसी भारतीय खिलाड़ी ने क्लासिकल फॉर्मेट में कार्लसन को हराया है। पिछले साल यह आर प्रज्ञानंद थे, और अब गुकेश ने भी इस सूची में अपना नाम जोड़ लिया है।