डी के शिवकुमार ने समर्थकों के खिलाफ मामलों को वापस लेने का किया बचाव

कर्नाटक सरकार का निर्णय
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने राज्य सरकार द्वारा उनके समर्थकों के खिलाफ दर्ज कई आपराधिक मामलों को वापस लेने के निर्णय का समर्थन किया है। 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों पर पथराव का मामला दर्ज किया गया था।
मामलों की वापसी
शुक्रवार को शिवकुमार ने बताया कि सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अलावा अन्य संगठनों के सदस्यों से जुड़े मामलों को भी वापस लिया है। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 60 मामलों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इनमें चित्तपुर में 2019 में हुई पथराव की घटना और शिवकुमार के समर्थकों के खिलाफ दर्ज मामले शामिल हैं, जो ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों से संबंधित हैं।
शिवकुमार का बयान
शिवकुमार ने कहा, "कई मामले वापस लिए गए हैं, हमने भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मामले वापस लिए हैं। जब मुझे ईडी ने गिरफ्तार किया, तब भाजपा ने जानबूझकर हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए। कोविड-19 महामारी के दौरान, भाजपा सरकार ने मेरे और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित कई नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। क्या हमें चुप रहना चाहिए?"
किसानों के खिलाफ मामले
उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि किसानों और न्याय की मांग करने वालों के खिलाफ दर्ज कई मामले भी वापस ले लिए गए हैं। उन्होंने कहा, "यह अकेला मामला नहीं है, हमारी सरकार ने सैकड़ों मुकदमे वापस लिए हैं। सभी दलों के लोगों के खिलाफ मामले वापस लिए गए हैं। हमने भाजपा के अनुरोध पर भी कई मामले वापस लिए हैं, यहां तक कि रायता संघ और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी।"