डियोड्रेंट और परफ्यूम: स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव

डियोड्रेंट और परफ्यूम का बढ़ता उपयोग
साबुन, पाउडर, शैंपू और क्रीम के साथ-साथ डियोड्रेंट और परफ्यूम भी हमारी दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते जा रहे हैं। कुछ लोग पसीने की गंध को छिपाने के लिए इनका उपयोग करते हैं, जबकि अन्य भीड़ में अलग महकने के लिए इन्हें लगाते हैं। गर्मियों में, कई लोग दिन में कई बार डियोड्रेंट या परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो नहाने के बिना ही इसे लगाकर बाहर निकलते हैं।
हानिकारक केमिकल्स का प्रभाव
क्या आप जानते हैं कि डियोड्रेंट और परफ्यूम में कई हानिकारक रसायन होते हैं जो आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं? कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि जो लोग इनका अधिक उपयोग करते हैं, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, डियोड्रेंट और परफ्यूम में ऐसे कई यौगिक होते हैं जो अंडरआर्म्स के फैट सेल्स में अवशोषित होकर रैशेज या ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं।
डियोड्रेंट में पाए जाने वाले हानिकारक केमिकल्स
पैराबेन: डियोड्रेंट में मौजूद पैराबेन शरीर के एस्ट्रोजेन और अन्य हार्मोन्स के उत्पादन में बाधा डालता है। यह कैंसर सेल्स की वृद्धि का खतरा बढ़ा सकता है।
एल्यूमीनियम: पसीना रोकने वाले डियोड्रेंट में एल्यूमीनियम होता है, जो शरीर में अस्थिरता पैदा कर सकता है। यह ट्यूमर और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है।
ट्राइक्लोसैन: यह बैक्टीरियल संक्रमण को रोकने में मदद करता है, लेकिन यह हार्मोनल गतिविधियों में बाधा डाल सकता है, जिससे थायरॉयड के कार्य में भी समस्या हो सकती है।
सेंट या परफ्यूम: तेज खुशबू से एलर्जी के लक्षण जैसे छींक, आंखों में पानी आना और सिरदर्द हो सकते हैं। इसके अधिक उपयोग से कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।