डायबिटीज और हार्ट अटैक: जानें बढ़ते खतरे के कारण

डायबिटीज के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा से रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं और इससे बचाव के उपाय क्या हैं। सही जानकारी और समय पर उपचार से इस गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।
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डायबिटीज और हार्ट अटैक: जानें बढ़ते खतरे के कारण

डायबिटीज और हार्ट अटैक का संबंध

डायबिटीज और हार्ट अटैक: जानें बढ़ते खतरे के कारण

डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक Image Credit source: Getty Images

वर्तमान में, डायबिटीज के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। जीवनशैली में बदलाव, अस्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी का सामना कर रहे हैं। डायबिटीज केवल रक्त शर्करा की समस्या नहीं है, बल्कि यह धीरे-धीरे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करती है। विशेष रूप से, हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा डायबिटीज के मरीजों में अधिक होता जा रहा है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों में हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों के मामलों में वृद्धि हो रही है, जो चिंता का विषय है। कई बार मरीज प्रारंभिक लक्षणों को नहीं समझ पाते और समस्या गंभीर हो जाती है।

इसलिए, यह समझना आवश्यक है कि डायबिटीज और हृदय रोगों के बीच क्या संबंध है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने के कारण क्या हैं।

डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ता है?

आरएमएल हॉस्पिटल के डॉ. सुभाष गिरि के अनुसार, लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा का स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली नसें कमजोर या संकरी हो सकती हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर, डायबिटीज के साथ उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्याएं भी जुड़ी होती हैं, जो हार्ट अटैक के जोखिम को और बढ़ा देती हैं।

इसके अतिरिक्त, डायबिटीज में शरीर में सूजन और वसा जमा होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिससे नसें कठोर हो सकती हैं। कई मामलों में, हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण डायबिटीज के मरीजों में स्पष्ट नहीं होते, जिससे समय पर उपचार नहीं मिल पाता। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।

लक्षण कैसे होते हैं?

डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षण सामान्य लोगों की तुलना में अलग और कम स्पष्ट हो सकते हैं। सीने में तेज दर्द या भारीपन के बजाय हल्का दबाव, जलन या असहजता महसूस हो सकती है। सांस फूलना, अचानक थकान, चक्कर आना या पसीना आना भी इसके संकेत हो सकते हैं। कुछ मरीजों को जबड़े, गर्दन, कंधे या बाएं हाथ में दर्द महसूस होता है।

कई मामलों में मतली, उल्टी या बेचैनी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। डायबिटीज के कारण नसों की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे दर्द का अनुभव कम हो सकता है और मरीज खतरे को पहचान नहीं पाते। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

बचाव के उपाय

ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।

संतुलित और पौष्टिक आहार लें।

नियमित व्यायाम करें।

ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल स्तर पर ध्यान दें।

तनाव कम करें और अच्छी नींद लें।