ठाणे में अवसंरचना परियोजनाओं की निविदा रद्द, शिवसेना ने उपमुख्यमंत्री से मांगी इस्तीफे की मांग

महाराष्ट्र में ठाणे के लिए दो प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के बाद शिवसेना ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने भी इस निर्णय की न्यायिक जांच की मांग की है, आरोप लगाते हुए कि इन परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय में भी सुनवाई चल रही है, जिसमें प्रमुख निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने एमएमआरडीए के निर्णय को चुनौती दी है।
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ठाणे में अवसंरचना परियोजनाओं की निविदा रद्द, शिवसेना ने उपमुख्यमंत्री से मांगी इस्तीफे की मांग

शिवसेना की मांग और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र में ठाणे के लिए दो महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के निर्णय के बाद, शिवसेना (उबाठा) ने राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उनके पद से हटाने की मांग की है।


कांग्रेस ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के निर्णय की न्यायिक जांच की मांग की है, साथ ही उन पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।


एमएमआरडीए के अध्यक्ष शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे हैं। शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को शिंदे के खिलाफ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या आयकर विभाग से जांच कराने का आदेश देना चाहिए।


कांग्रेस के महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने भी राज्य में सभी मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की न्यायिक जांच की मांग की और आरोप लगाया कि घोड़बंदर-भयंदर सुरंग परियोजना और मुंबई एलिवेटेड रोड परियोजना में 3,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है।


एमएमआरडीए ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि वह गायमुख-घोड़बंदर-भायंदर परियोजना से संबंधित दो निविदाओं को रद्द कर रहा है और 'व्यापक जनहित की रक्षा के लिए' नई बोलियों की प्रक्रिया शुरू करेगा।


उच्चतम न्यायालय अवसंरचना निर्माण की प्रमुख कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उसने एमएमआरडीए के निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें उसे परियोजनाओं के लिए बोली लगाने के लिए अयोग्य ठहराया गया था।