ठाणे अदालत ने हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
मामले का विवरण
ठाणे जिले की एक अदालत ने चोरी के संदेह में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह निर्णय अदालत ने अपराध की गंभीरता और क्रूरता को ध्यान में रखते हुए लिया।
आरोपियों की सजा
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी जी मोहिते ने शुक्रवार को रामतेज उर्फ गव्य राम यादव (29), अमरजीत उर्फ छबी बिंद्राप्रसाद गुप्ता (29) और चिराग उर्फ कल्या शोभनाथ ठाकुर (31) को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अन्य आरोपी की स्थिति
एक अन्य आरोपी शिवकुमार उर्फ लाला बिंदर लोध को संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। यह घटना 6 मार्च, 2021 को हुई थी, जब पीड़ित सूरजभान ओमप्रकाश सोनी (23) और विक्की उर्फ अभिषेक सिंह पर भयंदर पूर्व के इंदिरा नगर क्षेत्र में चोरी के संदेह में भीड़ ने हमला किया।
मौत का कारण
हमले के परिणामस्वरूप सोनी की मृत्यु हो गई, और पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण 'मस्तिष्क में अंदरूनी रक्तस्राव और गंभीर चोट' बताया गया। अतिरिक्त लोक अभियोजक रश्मि क्षीरसागर ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ 10 गवाहों से जिरह की।
अदालत का निर्णय
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हमले का वीडियो अपराध की गंभीरता और क्रूरता को दर्शाता है। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी युवा हैं और उनके परिवार के सदस्य उन पर निर्भर हैं, लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए सजा सुनाते समय अपराध के तरीके को ध्यान में रखना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों की ओर से दी गई दलीलें नरमी बरतने के लिए पर्याप्त नहीं थीं।
सजा का महत्व
अदालत ने कहा, 'आजीवन कारावास नियम है और मृत्युदंड अपवाद है।' न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट किया कि मृत्युदंड तभी दिया जाना चाहिए जब आजीवन कारावास अपर्याप्त सजा प्रतीत हो। उन्होंने कहा कि यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता।
