ठाकरे भाइयों की एकता: महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़

राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव
राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की एकता ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं का मानना है कि महाराष्ट्र की गरिमा को बचाने के लिए यह एकता आवश्यक है, जो वर्तमान में भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन सरकार के अधीन दबाई जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस मुद्दे को कैसे आगे बढ़ाते हैं।
भाषाई राजनीति का उभार
मुंबई में 'आवाज़ मराठिचा' रैली के माध्यम से उनकी एकता उस समय सामने आई है जब राज्य में भाषाई राजनीति ने विवाद और हिंसा को जन्म दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का प्राथमिक शिक्षा में हिंदी को अनिवार्य करने का प्रयास विपक्षी नेताओं से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है, जो 'मराठी' के समर्थन में खड़े हैं।
संजय राउत का स्पष्टीकरण
शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने रविवार को हिंदी भाषा के मुद्दे पर पार्टी का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी के उपयोग का विरोध नहीं है, लेकिन प्राथमिक शिक्षा में इसके थोपने का विरोध किया जाएगा।
ठाकरे भाइयों का संदेश
रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह अपने भाई राज ठाकरे के साथ 'साथ रहने' आए हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में उन्होंने महाराष्ट्र के लिए क्या किया है। राज ठाकरे ने भी स्पष्ट किया कि उनका एक साथ आना राज्य के प्रति प्रेम और समर्पण के लिए है।
फडणवीस का चेतावनी
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को भाषा के नाम पर गुंडागर्दी के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन किसी भी प्रकार की हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा।