ठंड में हाथ-पैर सुन्न होने के कारण और निवारण
ठंड में हाथ-पैर में सुन्नपन
ठंड में हाथ-पैर में सुन्नपनImage Credit source: Getty Images
देश के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान में गिरावट जारी है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, लोगों को हाथ-पैरों में ठंडक, झनझनाहट और सुन्नपन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह विशेष रूप से सुबह और शाम के समय या अत्यधिक ठंड में अधिक होता है। कई लोग इसे सामान्य सर्दी का प्रभाव मानकर अनदेखा कर देते हैं, जबकि कुछ को यह चिंता होती है कि क्या यह नर्व प्रॉब्लम का संकेत है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर बार यह समस्या सामान्य ही हो।
कई बार यह नसों से संबंधित समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि यह सामान्य सर्दी का प्रभाव है या नर्व प्रॉब्लम का संकेत। आइए इस पर चर्चा करते हैं।
क्या ठंड में हाथ-पैर सुन्न होना सामान्य है या नर्व प्रॉब्लम का संकेत?
आरएमएल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉ. सुभाष गिरि के अनुसार, ठंड के मौसम में हाथ-पैरों का सुन्न होना आमतौर पर शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है। ठंड में, शरीर अपने महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिल और मस्तिष्क को सुरक्षित रखने के लिए हाथ-पैरों में रक्त प्रवाह को कम कर देता है। इसी कारण उंगलियों और पैरों में ठंडक, झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होता है। यदि हाथ-पैरों को गर्म करने, दस्ताने पहनने या थोड़ी देर आराम करने से यह समस्या ठीक हो जाती है, तो यह सामान्य सर्दी का प्रभाव हो सकता है।
हालांकि, यदि यह सुन्नपन बार-बार होता है, लंबे समय तक बना रहता है या बिना ठंड के भी महसूस होता है, तो यह नर्व प्रॉब्लम का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। इसके साथ जलन, दर्द, कमजोरी, चलने या चीजें पकड़ने में कठिनाई होना भी नसों से जुड़ी समस्या का संकेत है। विटामिन बी12 की कमी, डायबिटीज, लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठना या नसों पर दबाव पड़ना इसके कारण हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों पर लापरवाही न करें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें।
बचाव के उपाय
हाथ-पैरों को ठंड से ढककर रखें।
गुनगुने पानी से हाथ-पैरों को सेकें।
लंबे समय तक ठंड में रहने से बचें।
संतुलित आहार लें, विशेषकर विटामिन बी12 युक्त भोजन।
हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करें।
यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें।
