ट्रैफिक चालान निपटाने का सुनहरा मौका: लोक अदालत में पंजीकरण कैसे करें
यदि आपके पास लंबित ट्रैफिक चालान हैं, तो 13 सितंबर 2025 को होने वाली लोक अदालत में भाग लेकर छूट का लाभ उठाने का यह एक सुनहरा अवसर है। इस प्रक्रिया में पंजीकरण करना आवश्यक है, जिसमें टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट पत्र प्राप्त करना शामिल है। जानें कि आपको क्या दस्तावेज लाने हैं और किन मामलों में राहत मिलेगी। इस लेख में हम आपको पूरी प्रक्रिया और आवश्यक जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
Sep 9, 2025, 15:20 IST
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ट्रैफिक चालान का निपटारा करने का अवसर
यदि आपके पास कोई लंबित ट्रैफिक चालान है और आप जुर्माना चुकाने से बच रहे हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। 13 सितंबर 2025 को आयोजित होने वाली लोक अदालत में कुछ विशेष ट्रैफिक उल्लंघनों पर भारी छूट दी जा रही है। लेकिन ध्यान रखें, आपकी सुनवाई बिना टोकन के नहीं होगी।
लोक अदालत टोकन के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 2025
- NALSA (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) की वेबसाइट पर जाएं।
- लोक अदालत पंजीकरण का विकल्प चुनें।
- आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म जमा करने के बाद, आपको ईमेल या फोन के माध्यम से टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट पत्र प्राप्त होगा।
- अपॉइंटमेंट पत्र में आपकी तारीख, समय और स्थान की जानकारी होगी।
आपको क्या लाना चाहिए?
सुनवाई के दिन मूल दस्तावेज, टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट पत्र लाना अनिवार्य है। प्रशासन ने सलाह दी है कि स्थान पर कम से कम एक घंटे पहले पहुंचें।
लोक अदालत में राहत मिलने वाले ट्रैफिक चालान:
छोटी उल्लंघनों पर छूट
- सीट बेल्ट के बिना गाड़ी चलाना
- हेलमेट के बिना दोपहिया चलाना
- लाल बत्ती का उल्लंघन
- गलती से जारी चालान
- ओवरस्पीडिंग
- वैध PUC प्रमाणपत्र के बिना
- गलत स्थान पर पार्किंग
- ड्राइविंग लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाना
- फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना
- गलत लेन में गाड़ी चलाना
- ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी करना
- नंबर प्लेट के बिना गाड़ी चलाना
जो मामले लोक अदालत में नहीं लिए जाएंगे
इन मामलों को सामान्य अदालतों में ही निपटाना होगा:
- शराब पीकर गाड़ी चलाना
- हिट-एंड-रन मामले
- लापरवाही से मृत्यु
- गैरकानूनी रेसिंग या स्पीडिंग
- नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाना
- अपराध गतिविधियों में उपयोग की गई गाड़ियाँ
- जिन मामलों पर अदालत में पहले से ही ट्रायल चल रहा है
- अन्य राज्यों से जारी चालान
सुनवाई की प्रक्रिया
- मामलों की सुनवाई टोकन नंबर के आधार पर की जाएगी।
- जज चालान की समीक्षा कर सकते हैं और पूरी जुर्माना माफ कर सकते हैं या छूट दे सकते हैं।
- यदि मामला गंभीर है या बार-बार उल्लंघन हुआ है, तो जुर्माना लगाया जा सकता है।
- आदेश पारित होने के बाद, मामला समाप्त माना जाएगा।