ट्रंप के टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था पर असर: मोदी की चुप्पी पर सवाल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुप्पी साध रखी है। जानें इस मुद्दे पर क्या कहा गया और ट्रंप के दावों का भारत पर क्या असर हो सकता है।
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ट्रंप के टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था पर असर: मोदी की चुप्पी पर सवाल

ट्रंप का टैरिफ चार्ट और भारत की प्रतिक्रिया

 महात्मा गांधी का एक प्रसिद्ध कथन है कि बोलने का अर्थ तब है जब वह मौन से बेहतर हो। कई बार लोग बड़बोलेपन में अनावश्यक बातें कर जाते हैं। वहीं, खामोशी को सबसे प्रभावशाली आवाज माना जाता है, और यह कूटनीति में भी महत्वपूर्ण होती है। 
2 अप्रैल को, ट्रंप एक बड़े चार्ट के साथ आए, जिसमें अमेरिका द्वारा विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ की दरें दर्शाई गई थीं। उन्होंने कहा कि वह 90 दिनों की मोहलत दे रहे हैं। जो भी अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहता है, उसे उनसे संपर्क करना होगा, अन्यथा चार्ट के अनुसार रेसिप्रोकल टैरिफ लागू कर दिया जाएगा। रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है जैसे को तैसा। ट्रंप का तर्क है कि कई देश अमेरिका पर मनमाने तरीके से टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका चुपचाप व्यापार करता रहता है, जिससे उसे नुकसान उठाना पड़ता है। भारत के साथ भी ऐसा ही है। अमेरिका के साथ व्यापार में भारत का ट्रेड सरप्लस रहा है, और ट्रंप इसे समाप्त करना चाहते हैं। उन्होंने भारत को 'टैरिफ किंग' भी कहा था। पहले टैरिफ की डेडलाइन 9 जुलाई थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया। 2 अप्रैल को दिखाए गए चार्ट के अनुसार, यदि कोई समझौता नहीं होता है, तो भारत पर 26% टैरिफ लगाया जा सकता है। दोनों पक्षों के बीच समझौते की बातचीत चल रही थी, और यह माना जा रहा था कि डील लगभग फाइनल हो चुकी है। लेकिन इससे पहले ही ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। इसके बाद, ट्रंप ने भारत की प्रतिक्रिया न देखकर कुछ घंटों बाद एक और पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकोनॉमी' करार दिया। 


विपक्ष की प्रतिक्रिया और मोदी की चुप्पी

ट्रंप के 25% टैरिफ लगाने की घोषणा और भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकोनॉमी' बताने पर विपक्ष ने लोकसभा में तीखी प्रतिक्रिया दी। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा सभी जानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौता ट्रंप की शर्तों पर होगा। वहीं, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। गोयल ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ट्रंप के 25% टैरिफ के प्रभावों का आकलन कर रही है। विपक्षी दलों ने अतिरिक्त टैरिफ के संबंध में सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। 


ट्रंप के दावों पर मोदी का रुख

आपको याद होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का दावा किया था। हालांकि, भारत ने हर बार ट्रंप के दावों का खंडन किया है। पीएम मोदी ने लोकसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि किसी भी देश ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर नहीं करवाया है। अब ट्रंप द्वारा 25% टैरिफ लगाने के बाद भी पीएम मोदी की ओर से कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है। पीएम मोदी अक्सर सार्वजनिक मंचों पर अपने विचार स्पष्ट रूप से रखते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में वे संयम को प्राथमिकता देते हैं। ट्रंप के बड़बोलेपन को लेकर दुनिया में कोई स्पष्टता नहीं है। पीएम मोदी का रुख दर्शाता है कि वे ट्रंप की बातों को गंभीरता से लेने के बजाय एक बड़े देश की सोच के अनुसार चल रहे हैं।