ट्रंप की रूस पर टैरिफ धमकी: यूक्रेन युद्ध के प्रभाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था

रूस पर दबाव बढ़ाने की ट्रंप की रणनीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं। इस संदर्भ में, ट्रंप ने रूस को एक बार फिर से टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। सोमवार को नाटो के सचिव मार्क रूट के साथ एक बैठक के बाद, ट्रंप ने एक नई योजना का अनावरण किया, जो न केवल रूस बल्कि उन देशों को भी प्रभावित कर सकती है जो रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।
टैरिफ लगाने की चेतावनी
ट्रंप ने सोमवार को कहा कि यदि अगले कुछ हफ्तों में युद्ध विराम का समझौता नहीं होता है, तो वे उन देशों पर 100 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ लागू करेंगे जो रूसी सामान खरीदते हैं। व्हाइट हाउस में रूट के साथ खड़े होकर उन्होंने कहा, "हम 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने जा रहे हैं... अब समय आ गया है कि वास्तविक बदलाव देखा जाए, अन्यथा इसके परिणाम तुरंत और गंभीर होंगे।"
आर्थिक प्रभाव का आकलन
नाटो के सचिव मार्क रूट ने कहा कि अमेरिका के सेकेंडरी टैरिफ का चीन, भारत और ब्राजील पर गंभीर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा, जिससे ये देश मास्को पर शांति समझौते के लिए दबाव डालेंगे। उन्होंने कहा, "अगर आप बीजिंग या दिल्ली में रहते हैं, या आप ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको इस पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह आपको बहुत प्रभावित कर सकता है।"
सेकेंडरी टैरिफ की चिंता
रूस के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में चीन, भारत, ब्राजील, तुर्की और दक्षिण कोरिया शामिल हैं, जिनका व्यापार सालाना सैकड़ों अरब डॉलर तक पहुंचता है। ये देश रूसी ऊर्जा, उर्वरक, धातुओं और रक्षा उत्पादों पर निर्भर हैं। अमेरिका के सेकेंडरी सैंक्शन इन देशों को वाशिंगटन के साथ व्यापार करने या मास्को के साथ संबंध बनाए रखने के बीच एक विकल्प चुनने के लिए मजबूर कर सकते हैं।
सेकेंडरी टैरिफ क्या होते हैं?
सेकेंडरी टैरिफ वे प्रतिबंध होते हैं जो किसी देश द्वारा उन तीसरे पक्षों पर लगाए जाते हैं जो सीधे तौर पर प्रतिबंधित देश के साथ व्यापार करते हैं। ये टैरिफ प्राइमरी टैरिफ से भिन्न होते हैं, क्योंकि प्राइमरी टैरिफ सीधे तौर पर एक देश या इकाई पर लागू होते हैं।
रूस की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अमेरिका ने पहले भी ईरान और रूस के साथ आर्थिक गतिविधियों में शामिल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि, ट्रंप ने अब सीधे उन देशों पर टैरिफ लगाने की बात की है जो रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं, जिससे भारत और चीन जैसे देशों के लिए अमेरिका में निर्यात महंगा हो सकता है।
रूस की मजबूती के बावजूद प्रतिबंध
अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी रूस अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में सफल रहा है। रूस ने चीन, उत्तर कोरिया और ईरान के साथ एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया है, जो डॉलर को बाईपास कर बार्टर सिस्टम के तहत व्यापार कर रहा है। भारत, तुर्की, पाकिस्तान और ब्राजील जैसे देशों ने अमेरिका के साथ अच्छे संबंध रखते हुए रूस के साथ व्यापार बढ़ाया है।