ट्रंप का भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर सवाल, 21 मिलियन डॉलर का खर्च विवादित

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका द्वारा 21 मिलियन डॉलर खर्च करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने इसे संभावित हस्तक्षेप का संकेत बताया और बाइडन प्रशासन की नीतियों पर भी सवाल खड़े किए। ट्रंप का कहना है कि यह राशि किसी अन्य उम्मीदवार को जीताने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है। इस मुद्दे ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर जब मोदी सरकार को 2024 के चुनावों में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
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ट्रंप का भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर सवाल, 21 मिलियन डॉलर का खर्च विवादित

ट्रंप का बयान और अमेरिकी सहायता


वॉशिंगटन: भारत में मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अमेरिका की ओर से 21 मिलियन डॉलर (लगभग 182 करोड़ रुपये) खर्च करने की योजना पर ट्रंप ने सवाल उठाया है। उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि यह भारतीय चुनावों में संभावित हस्तक्षेप का एक हिस्सा हो सकता है।


ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत में मतदान बढ़ाने के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च करने की आवश्यकता क्यों है। उन्होंने यह भी कहा कि यह संभवतः बाइडन प्रशासन की ओर से किसी अन्य उम्मीदवार को जीताने की कोशिश का हिस्सा हो सकता है। ट्रंप ने यह भी बताया कि अमेरिकी सरकार इस मुद्दे पर मोदी सरकार से बातचीत करेगी।


यह बयान तब आया है जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने 16 फरवरी को खुलासा किया कि USAID के तहत 'भारत में मतदाता टर्नआउट' के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित किए गए थे। इसने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। 2024 के आम चुनावों में, मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उसे अपने एनडीए सहयोगियों का सहारा लेना पड़ा।


क्या बाइडन सरकार बदलाव चाहती थी?
ट्रंप ने FII प्रायोरिटी समिट में कहा, 'हमें भारत में मतदाता टर्नआउट पर $21 मिलियन खर्च करने की आवश्यकता क्यों है? मुझे लगता है कि वे किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारतीय सरकार को बताना होगा। यह एक पूरी तरह से नया खुलासा है।' उनके इस बयान पर सभी ने ठहाके लगाए।


पहले भी उठाए थे सवाल
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी इस खर्च पर सवाल उठाया था। उन्होंने भारत के टैरिफ पर भी निशाना साधा। मंगलवार को ट्रंप ने कहा, 'हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है। वे दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक हैं।' DOGE ने बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिकी मानवीय फंडिंग में अनियमितताओं की जांच की थी। पीएम नरेंद्र मोदी के सलाहकार संजीव सान्याल ने पहले USAID के खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला' बताया था.