टीम इंडिया के दो खिलाड़ी: टूरिस्ट क्रिकेटर की उपाधि के साथ डगआउट में

टीम इंडिया के टूरिस्ट क्रिकेटर

टीम इंडिया: हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा बने, लेकिन कुछ खिलाड़ियों के लिए यह सपना केवल टीम की तस्वीर और डगआउट की कुर्सियों तक सीमित रह जाता है। वर्तमान इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया में दो ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें 'टूरिस्ट क्रिकेटर' कहा जा रहा है —
कुलदीप का डगआउट में समय
कुलदीप डगआउट में गर्म करते हैं कुर्सियां
इन 'टूरिस्ट क्रिकेटरों' में कुलदीप यादव और ध्रुव जुरेल शामिल हैं। इन दोनों खिलाड़ियों को हर दौरे पर टीम में शामिल किया जाता है, लेकिन उन्हें खेलने का मौका बहुत कम मिलता है। 30 वर्षीय कुलदीप यादव लंबे समय से टेस्ट टीम का हिस्सा हैं, लेकिन उनकी प्लेइंग इलेवन में उपस्थिति दुर्लभ है।
कुलदीप का टेस्ट करियर
कुलदीप ने 2017 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और अब तक केवल 13 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 56 विकेट लिए हैं। यह आंकड़ा उनकी क्षमता को दर्शाता है, लेकिन फिर भी उन्हें बार-बार नजरअंदाज किया गया है।
कुलदीप तीसरे टेस्ट में भी बाहर बैठे हैं
इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में कुलदीप को लगातार तीसरे टेस्ट में बाहर रखा गया है। लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में सभी को उम्मीद थी कि कुलदीप को मौका मिलेगा, क्योंकि उनकी विकेट लेने की क्षमता इंग्लैंड की परिस्थितियों में फायदेमंद हो सकती थी।
लेकिन टीम प्रबंधन ने एक बार फिर बल्लेबाजी की गहराई को प्राथमिकता दी और कुलदीप को बेंच पर ही रखा।
ध्रुव जुरेल की स्थिति
ध्रुव जुरेल प्लेइंग XI से बाहर, फिर भी मैदान में
दूसरे खिलाड़ी ध्रुव जुरेल हैं, जो इस इंग्लैंड दौरे पर बैकअप विकेटकीपर के रूप में शामिल किए गए हैं। ऋषभ पंत की मौजूदगी में उनके प्लेइंग XI में आने की संभावना बहुत कम थी। जुरेल ने अब तक अपने छोटे से टेस्ट करियर में 4 मैचों में 202 रन बनाए हैं, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है।
तीसरे टेस्ट में उनका नाम प्लेइंग XI में नहीं था, लेकिन पंत के चोटिल होने के बाद जुरेल को विकेटकीपिंग के लिए मैदान पर बुलाया गया। ऋषभ पंत की चोट गंभीर लग रही है, जिससे जुरेल को अप्रत्याशित रूप से मौका मिला।
भविष्य की संभावनाएं
आगे भी गर्म करते रहेंगे कुर्सियां
कुलदीप यादव और ध्रुव जुरेल दोनों ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। लेकिन जब उन्हें मौके नहीं मिलते, तो उनका आत्मविश्वास प्रभावित होता है। टीम प्रबंधन को चाहिए कि वे ऐसे खिलाड़ियों को केवल बैकअप के रूप में न रखें, बल्कि उन्हें समय-समय पर प्लेइंग XI में शामिल करके उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएं।
फिलहाल जुरेल को ऋषभ पंत की चोट के कारण विकेटकीपिंग का मौका मिला है, लेकिन यदि यह स्थिति नहीं बनती, तो वे अब तक लॉर्ड्स में भी केवल 'ताली बजाने वाले टूरिस्ट' बने रहते। अब देखना होगा कि क्या टीम प्रबंधन इन दोनों खिलाड़ियों के लिए गंभीरता से विचार करेगा, या वे आगे भी केवल सफर का हिस्सा बने रहेंगे।