टाटा कैपिटल और एलजी के आईपीओ: क्या शेयर बाजार सहन कर पाएगा 27,000 करोड़ का दांव?

अगले हफ्ते टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के आईपीओ का आगमन होने वाला है, जिनका कुल आकार 27,000 करोड़ रुपए से अधिक है। यह पहली बार है जब इतने बड़े आकार के दो आईपीओ एक साथ खुलेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि गिरते शेयर बाजार में क्या यह दोनों आईपीओ सफल होंगे, यह एक बड़ा सवाल है। पिछले कुछ आईपीओ के अनुभवों को देखते हुए, निवेशकों को निराशाजनक रिटर्न का सामना करना पड़ा है। क्या निवेशक इस बार 27,100 करोड़ रुपए जुटा पाएंगे? जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
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टाटा कैपिटल और एलजी के आईपीओ: क्या शेयर बाजार सहन कर पाएगा 27,000 करोड़ का दांव?

टाटा कैपिटल और एलजी के आईपीओ का आगमन

टाटा कैपिटल और एलजी के आईपीओ: क्या शेयर बाजार सहन कर पाएगा 27,000 करोड़ का दांव?

अगले हफ्ते टाटा कैपिटल और एलजी का आईपीओ आ रहा है, जिनका कुल आकार 27,000 करोड़ रुपए से अधिक है.


भारत के प्राइमरी मार्केट में अगले हफ्ते काफी हलचल होने की उम्मीद है। टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स बड़े आईपीओ लाने की योजना बना रहे हैं, जिनका कुल आकार 27,000 करोड़ रुपए से अधिक है। यह पहली बार होगा जब इतने बड़े आकार के दो आईपीओ एक साथ खुलेंगे। इससे पहले पेटीएम और एलआईसी के आईपीओ का क्या हाल हुआ, यह सभी को पता है।


इसलिए, विशेषज्ञ इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या गिरते शेयर बाजार में इतनी क्षमता है कि वह दोनों आईपीओ को संभाल सके। ऐतिहासिक रूप से, बड़े आईपीओ ने निवेशकों को विभिन्न रिटर्न दिए हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं है। आने वाला हफ्ता इन नई लिस्टिंग के लिए निवेशकों की मांग को निर्धारित करेगा।


पिछले कुछ आईपीओ लिस्टिंग को देखते हुए, 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के मेगा इश्यू का निवेशकों को रिटर्न देने का रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है। जुलाई में एचडीबी फाइनेंशियल का 12,500 करोड़ रुपए का आईपीओ लिस्टिंग के दिन 14% बढ़ा, लेकिन अब यह अपने इश्यू प्राइस से केवल 4% ऊपर कारोबार कर रहा है। पिछले साल एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का 10,000 करोड़ रुपए का आईपीओ अभी भी अपने 108 रुपए के इश्यू प्राइस से नीचे है।


पेटीएम अपने इश्यू प्राइस से 50% नीचे कारोबार कर रहा है। वहीं, एलआईसी का इश्यू प्राइस 902 से 949 रुपए के बीच था, जो वर्तमान में 900 रुपए के आसपास है। जबकि कंपनी का इश्यू साइज 21,000 करोड़ रुपए था। आइए जानते हैं कि क्या शेयर बाजार इन दोनों आईपीओ को संभाल सकेगा या नहीं।


दो मेगा आईपीओ का सामना

अगले हफ्ते शेयर बाजार को टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के आईपीओ के साथ दोहरी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा। सेंसेक्स और निफ्टी एक साल के स्थिर रिटर्न के बाद सुस्त पड़े हैं। टाटा कैपिटल द्वारा 15,500 करोड़ रुपए और उसके एक दिन बाद एलजी द्वारा 11,600 करोड़ रुपए के दो बड़े आईपीओ आने से पहले बाजार में सुस्ती के संकेत दिख रहे हैं।


इन दोनों आईपीओ का कुल आकार 27,000 करोड़ रुपए से अधिक है, जो भारत के प्राइमरी मार्केट में शायद ही कभी देखा गया हो। एक के बाद एक आने वाले आईपीओ ने हलचल मचा दी है, लेकिन यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या सुस्त सेकेंडरी मार्केट बिना किसी अस्थिरता के इतनी भारी सप्लाई को झेल पाएगा।


विशेषज्ञों की राय

यदि पिछले कुछ वर्षों के अनुभव को देखें, तो इतने बड़े आईपीओ से रिटर्न की उम्मीद करना थोड़ा निराशाजनक लगता है। 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के मेगा इश्यू का निवेशकों को रिटर्न देने का रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है। जुलाई में एचडीबी फाइनेंशियल का 12,500 करोड़ रुपए का आईपीओ लिस्टिंग के दिन 14% बढ़ा था, लेकिन अब यह अपने इश्यू प्राइस से केवल 4% ऊपर है।


पेटीएम का आईपीओ 18,000 करोड़ रुपए से अधिक का था, और इसका इश्यू प्राइस 2000 रुपए से ऊपर था, जो वर्तमान में 50% से नीचे कारोबार कर रहा है। वहीं, एलआईसी का आईपीओ 21,000 करोड़ रुपए से अधिक का था और इसका इश्यू प्राइस 949 रुपए था, जो वर्तमान में 900 रुपए के आसपास है।


हालांकि, कुछ मेगा आईपीओ जैसे हुंडई मोटर और स्विगी ने इस धारणा को तोड़ने की कोशिश की है। हुंडई मोटर का आईपीओ 27,870.16 करोड़ रुपए का था और इसका इश्यू प्राइस 1960 रुपए था, जो वर्तमान में 2500 रुपए के पार है। स्विगी का आईपीओ 11,327.43 करोड़ रुपए का था और इसका इश्यू प्राइस 390 रुपए था, जो वर्तमान में 415.85 रुपए पर है।


क्या प्राइमरी मार्केट सेकेंडरी मार्केट को प्रभावित कर रहा है?

एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल ने कहा कि कई कंपनियां लिस्ट हो रही हैं, लेकिन अधिकांश कंपनियों में प्राइस तलाशना मुश्किल है। आईपीओ की भीड़ ने यह सवाल उठाया है कि क्या प्राइमरी मार्केट सेकेंडरी मार्केट को नुकसान पहुँचा रहा है, लेकिन बाजार के दिग्गज इस चिंता को खारिज करते हैं।


प्राइम डेटाबेस ग्रुप के एमडी प्रणव हल्दिया ने कहा कि मैं इस सिद्धांत से सहमत नहीं हूं कि प्राइमरी मार्केट सेकेंडरी मार्केट से लिक्विडिटी को सोख लेता है। पिछले 5 वर्षों ने इसके पर्याप्त प्रमाण दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई बड़ा आईपीओ आता है, तो अच्छे वैल्यूएशन वाला मार्केट आसानी से इसे समाहित कर लेगा।


कुछ जानकारों का कहना है कि अगले हफ्ते दो आईपीओ आने से शेयर बाजार में हलचल तो पैदा होगी। सवाल यही है कि क्या निवेशक एक हफ्ते में 27,100 करोड़ रुपए जुटा पाएंगे। यह भारत के प्राइमरी मार्केट के उत्साह की अंतिम परीक्षा होगी।