टांगीनाथ धाम: रहस्यमय स्थल और अद्भुत आस्था का केंद्र

झारखंड के गुमला जिले में स्थित टांगीनाथ धाम एक रहस्यमय धार्मिक स्थल है, जहां भगवान परशुराम का फरसा गड़ा हुआ है। इस स्थल के बारे में कई अद्भुत कहानियां प्रचलित हैं, जैसे कि फरसे से छेड़छाड़ करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। यहां सैकड़ों शिवलिंग और प्राचीन मूर्तियां भी हैं, जो इसकी ऐतिहासिकता को दर्शाती हैं। 1989 में हुई खुदाई में मिली कीमती वस्तुएं आज भी रहस्य बनी हुई हैं। जानें इस अद्भुत स्थल के बारे में और अधिक जानकारी।
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टांगीनाथ धाम: रहस्यमय स्थल और अद्भुत आस्था का केंद्र

टांगीनाथ धाम का रहस्य


झारखंड के गुमला जिले में स्थित टांगीनाथ धाम एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जो आस्था और रहस्य का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। यहां एक मंदिर में भगवान परशुराम का फरसा गड़ा हुआ है, जिसे न तो कोई हटा सका है और न ही उस पर जंग लगी है, भले ही यह खुले आसमान के नीचे रखा हो।


फरसे से छेड़छाड़ और उसके परिणाम

स्थानीय निवासियों के अनुसार, एक बार एक लोहार ने इस फरसे को चुराने का प्रयास किया था।


हालांकि, उसकी चोरी असफल रही और कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।


कहा जाता है कि जो भी इस फरसे के साथ छेड़छाड़ करता है, उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।


लोहार जाति की घटना और डर

जंग न लगने की विशेषता से प्रेरित होकर कुछ लोहार जाति के लोगों ने इसे उखाड़ने का प्रयास किया।


असफलता के बाद, उन्होंने फरसे का ऊपरी हिस्सा काट दिया, लेकिन वह भी अपने साथ नहीं ले जा सके।


इसके बाद, लोहार जाति के लोगों में लगातार मृत्यु की घटनाएं होने लगीं, जिससे वे इस धाम के आसपास रहना छोड़ने को मजबूर हो गए।


सैकड़ों शिवलिंग और प्राचीन प्रतिमाएं

टांगीनाथ धाम में खुले आसमान के नीचे सैकड़ों शिवलिंग और प्राचीन मूर्तियां पड़ी हुई हैं।


इन प्रतिमाओं की बनावट भुवनेश्वर, मुक्तेश्वर और गौरी केदार के मंदिरों से मेल खाती है।


1989 की पुरातात्विक खुदाई

1989 में, पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई की थी।


इस खुदाई में सोने-चांदी के आभूषण, हीरा जड़ित मुकुट, चांदी के सिक्के, सोने के कड़े-बालियां और तांबे की टिफिन जैसी कई कीमती वस्तुएं मिलीं।


इन सभी वस्तुओं को डुमरी थाना के मालखाने में सुरक्षित रखा गया है।


रहस्य आज भी बरकरार

खुदाई अचानक रोक दी गई थी, और इसके पीछे के कारण अब तक रहस्य बने हुए हैं।


मालखाने में रखी इन ऐतिहासिक धरोहरों का भविष्य आज भी अनिश्चित है।


निष्कर्ष

टांगीनाथ धाम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारत की उन रहस्यमयी धरोहरों में से एक है, जिनकी कहानी आस्था, इतिहास और अद्भुत चमत्कारों से जुड़ी हुई है।