झारखंड में मानसून की दस्तक, भारी बारिश की चेतावनी

झारखंड में 17 से 19 जून के बीच मानसून के आगमन की संभावना है, जिसके चलते भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में 'येलो' और 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारिश में कमी आई है। जानें और क्या कहता है मौसम विभाग का ताजा अपडेट।
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झारखंड में मानसून की दस्तक, भारी बारिश की चेतावनी

झारखंड में मानसून का आगमन

दक्षिण-पश्चिमी मानसून 17 से 19 जून के बीच झारखंड में पहुंचने की उम्मीद है, जिसके चलते राज्य के कई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यह जानकारी मौसम विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को साझा की।


अधिकारी ने बताया कि राज्य के दक्षिण-पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में सोमवार के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है, जबकि 17 जून से दो दिनों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' भी लागू किया गया है।


रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उपनिदेशक अभिषेक आनंद ने कहा, "राज्य में रविवार से मानसून पूर्व गतिविधियों की शुरुआत होने की संभावना है। 17 से 19 जून के बीच मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।" इस वर्ष मानसून 24 मई को केरल में पहुंच गया था, जो सामान्य समय से एक सप्ताह पहले है।


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2010 से अब तक मानसून आमतौर पर 12 से 25 जून के बीच झारखंड में पहुंचता रहा है। आनंद ने बताया कि चार महीने की मानसून अवधि के दौरान राज्य में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।


उन्होंने यह भी कहा कि रविवार को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, और चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से सोमवार को कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।


आनंद ने आगे कहा, "17 से 20 जून के बीच राज्य में भारी बारिश की संभावना है, और दक्षिण-पश्चिमी एवं मध्य झारखंड के कुछ हिस्सों में अत्यधिक बारिश हो सकती है।"


भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 1 से 14 जून के बीच झारखंड में बारिश में 58 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इस दौरान राज्य में सामान्य 49.1 मिमी की तुलना में केवल 20.8 मिमी बारिश हुई है।


मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 1 जून से 30 सितंबर के बीच की बारिश को मानसून की बारिश माना जाता है। पिछले वर्ष झारखंड में मानसून की सामान्य बारिश हुई थी।


अधिकारियों ने बताया कि 2023 में राज्य सरकार ने 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था, जबकि 2022 में 260 में से 226 प्रखंडों को जून और जुलाई में कम बारिश के कारण सूखा प्रभावित घोषित किया गया था।