झारखंड में नक्सली हमले में CRPF जवान शहीद, विधायक का भाई घायल

झारखंड के चाईबासा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद हो गए। इस हमले में विधायक का भाई भी घायल हुआ है। सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 | 
झारखंड में नक्सली हमले में CRPF जवान शहीद, विधायक का भाई घायल

नक्सली हमले में शहीद हुए जवान

झारखंड में नक्सली हमले में CRPF जवान शहीद, विधायक का भाई घायल

सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद

झारखंड के चाईबासा जिले के सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद हो गए। इस हमले में लश्कर के अलावा दो अन्य जवान भी घायल हुए, जिनमें से एक खरसावां के विधायक दशरथ गागराई का भाई है। वर्तमान में सुरक्षा बल सारंडा क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।

महेंद्र लश्कर, जो सीआरपीएफ की 60 बटालियन के सदस्य थे, असम के निवासी थे। उनके पार्थिव शरीर को राउरकेला से रांची लाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद उन्हें रांची के धुर्वा स्थित सीआरपीएफ 133 बटालियन मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी गई।

शुक्रवार को हुआ विस्फोट

पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा क्षेत्र में शुक्रवार शाम को नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी के विस्फोट में महेंद्र लश्कर शहीद हुए। इस घटना में घायल अन्य जवानों में से एक की पहचान झारखंड के खरसावां के विधायक दशरथ गागराई के भाई, रामकृष्ण गागराई के रूप में हुई है, जो एएसआई के पद पर कार्यरत हैं। एक अन्य घायल जवान का नाम सीआरपीएफ 60 बटालियन के इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा है।

प्रतिरोध सप्ताह का आयोजन

माओवादियों ने 8 से 14 अक्टूबर तक प्रतिरोध सप्ताह मनाने की घोषणा की है, जबकि 15 अक्टूबर को एक दिन का बंद भी बुलाया गया है। झारखंड पुलिस के आईजी माइकल राज एस ने 7 अक्टूबर को प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2025 में अब तक 32 कुख्यात नक्सलियों को अभियान के दौरान मार गिराया गया है, और कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

15 अक्टूबर को बंद का आह्वान

प्रेस कांफ्रेंस में अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में केवल 80 से 85 नक्सली बचे हैं, जिनमें से अधिकांश पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा क्षेत्र में हैं। झारखंड पुलिस ने इन नक्सलियों के खात्मे के लिए ठोस रणनीति बनाई है और अगले कुछ महीनों में उन्हें समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।