झारखंड के मुख्यमंत्री ने शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी, संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया

मुख्यमंत्री का भावुक संदेश
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता और आदिवासी नेता शिबू सोरेन के निधन के बाद कहा कि उनके संघर्ष को अधूरा नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि वह इस कठिन समय में अपने जीवन के सबसे कठिन क्षणों का सामना कर रहे हैं। शिबू सोरेन, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक थे, ने सोमवार को 81 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।
पिता के संघर्ष को याद करते हुए
सोशल मीडिया पर हेमंत ने लिखा, "मेरे पिता का साया चला गया है, लेकिन झारखंड की आत्मा का स्तंभ भी चला गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता का संघर्ष किसी किताब में नहीं समेटा जा सकता। उन्होंने झारखंड को झुकने नहीं देने का वादा किया और अपने पिता के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
शिबू सोरेन की प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने अपने पिता को केवल 'बाबा' नहीं कहा, बल्कि उन्हें अपने विचारों का आधार और मार्गदर्शक बताया। उन्होंने शिबू सोरेन की साधारण शुरुआत का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके संघर्ष ने उन्हें जीवनभर के लिए प्रेरित किया।
झारखंड की पहचान
हेमंत ने कहा कि जब झारखंड राज्य बना, तब उनके पिता का सपना साकार हुआ, लेकिन उन्होंने कभी सत्ता को अपनी उपलब्धि नहीं माना। उन्होंने शिबू सोरेन के हवाले से कहा, "यह राज्य मेरे लिए कुर्सी नहीं, यह मेरे लोगों की पहचान है।"
आगे बढ़ने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने पिता के नाम को मिटने नहीं देंगे और उनके संघर्ष को अधूरा नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा, "बाबा, अब आप आराम कीजिए। आपने अपना धर्म निभा दिया। अब हमें आपके नक्शे-कदम पर चलना है।"