झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, संसद में श्रद्धांजलि

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन सोमवार को हुआ, जिसके बाद संसद में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके योगदान को याद करते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। शिबू सोरेन, जो आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए एक प्रमुख आवाज थे, ने 38 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का नेतृत्व किया। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कई नेताओं ने संवेदनाएं प्रकट की हैं। जानें उनके राजनीतिक करियर और उनके योगदान के बारे में इस लेख में।
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, संसद में श्रद्धांजलि

संसद में शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि

सोमवार को संसद के उच्च सदन ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका निधन आज राष्ट्रीय राजधानी में लंबी बीमारी के बाद हुआ। उनके सम्मान में सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि श्री सोरेन एक अद्वितीय आदिवासी नेता थे। उन्हें दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता था और वे जनता के बीच 'गुरुजी' के नाम से लोकप्रिय थे। आदिवासी समुदाय के अधिकारों और विकास के लिए उनकी आवाज हमेशा अग्रणी रही। 


 


सदन के सदस्यों ने सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए मौन रखा। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भी उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन का निधन अत्यंत दुखद है और उनके योगदान का आदिवासी समाज और झारखंड के विकास में गहरा प्रभाव रहा है। बिरला ने एक्स पर पोस्ट करते हुए शोकाकुल हेमंत सोरेन और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।


 


अध्यक्ष ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार को शक्ति प्रदान करने की कामना की। शिबू सोरेन का निधन 81 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में हुआ। उनके पुत्र हेमंत सोरेन ने एक्स पर इस दुखद समाचार की पुष्टि की और कहा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए हैं। आज मैं बहुत दुखी हूँ। 


 


शिबू सोरेन ने 38 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का नेतृत्व किया और उन्हें पार्टी का संस्थापक संरक्षक माना जाता है। वे झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री रहे। अपने चार दशक के राजनीतिक करियर में, सोरेन ने आठ बार लोकसभा के लिए चुनाव जीते और दो बार राज्यसभा के सांसद रहे। इस बीच, विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही भी आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान सदन के आसन के समक्ष तख्तियां दिखाईं और नारेबाजी की, जिसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।