झारखंड के कारोबारी परिवार ने बीएसएफ संग्रहालय को दान की ऐतिहासिक रिवॉल्वर

बीएसएफ संग्रहालय में ऐतिहासिक रिवॉल्वर का दान
झारखंड के एक व्यवसायी परिवार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के इंदौर स्थित केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्यूटी) को 1914 में ब्रिटेन में निर्मित एक रिवॉल्वर दान की है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को साझा की।
अधिकारियों के अनुसार, चाईबासा के कारोबारी नंदलाल रुंगटा के परिवार ने .45 बोर की ‘वेबली मार्क 5’ रिवॉल्वर को सीएसडब्ल्यूटी के संग्रहालय को दान किया है।
उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम के जिला शस्त्र मजिस्ट्रेट की अनुमति से रुंगटा ने अपने दिवंगत पिता सीताराम रुंगटा का यह हथियार दान किया। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद, रुंगटा के एक प्रतिनिधि ने सीएसडब्ल्यूटी के कार्यवाहक महानिरीक्षक राजन सूद की उपस्थिति में यह रिवॉल्वर बीएसएफ के संग्रहालय को सौंपी।
अधिकारियों ने बताया कि रुंगटा ने दो साल पहले कोलकाता के एक समाचार पत्र में सीएसडब्ल्यूटी के संग्रहालय पर प्रकाशित एक लेख को पढ़कर इस पारिवारिक रिवॉल्वर को दान करने का निर्णय लिया। बीएसएफ के संग्रहालय तक रिवॉल्वर पहुंचाने में ऑल इंडिया बीएसएफ एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार जैन ने रुंगटा की सहायता की।
जैन ने बताया, “इस दुर्लभ रिवॉल्वर की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपये में आंकी जा रही है, लेकिन रुंगटा ने अपने पिता की याद को अमर बनाने के लिए इसे बीएसएफ के संग्रहालय को दान करने का निर्णय लिया।”
उन्होंने कहा कि यह रिवॉल्वर बीएसएफ के संग्रहालय में सुरक्षित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को हथियारों के इतिहास से परिचित कराएगी। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के पहले महानिदेशक केएफ रुस्तमजी की परिकल्पना के तहत 1967 में स्थापित इस संग्रहालय में 300 दुर्लभ हथियार रखे गए हैं।
इनमें बंदूकें, पिस्तौल, रिवॉल्वर, राइफल, सब मशीन गन, लाइट मशीन गन (एलएमजी), मीडियम मशीन गन (एमएमजी), रॉकेट लॉन्चर, मोर्टार और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं। संग्रहालय में 14वीं सदी के हथियारों से लेकर आधुनिक हथियारों तक का प्रदर्शन किया गया है।