ज्योतिष और मानसिक शांति: जानें कौन से ग्रह हैं जिम्मेदार
ग्रहों का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
कुंडली में ग्रहों का प्रभावImage Credit source: AI
ग्रहों का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में कई लोग बिना किसी स्पष्ट कारण के मानसिक बेचैनी, घबराहट और चिंता का अनुभव करते हैं। कभी-कभी सब कुछ सही होने के बावजूद मन में अशांति बनी रहती है। ज्योतिष के अनुसार, ऐसी स्थिति के पीछे कुंडली में ग्रहों की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। आइए जानते हैं कौन से ग्रह मानसिक बेचैनी को बढ़ाते हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
चंद्रमा: मन का स्वामी
ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है।
अशुभ स्थिति: यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर या नीच का है, या छठे, आठवें या बारहवें भाव में है, तो व्यक्ति मानसिक अस्थिरता का अनुभव करता है।
असर: ऐसे लोग छोटी-छोटी बातों पर भावुक हो जाते हैं और निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करते हैं।
राहु-केतु: भ्रम और डर का कारण
राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। जब ये चंद्रमा से संबंध बनाते हैं, तो ग्रहण दोष उत्पन्न होता है।
राहु का प्रभाव: राहु मन में अज्ञात भय और नकारात्मकता को जन्म देता है, जिससे व्यक्ति को हमेशा बुरा होने का डर बना रहता है।
केतु का प्रभाव: केतु व्यक्ति को संसार से दूर कर देता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।
शनि: अवसाद और अकेलापन
शनि को अनुशासन और कर्म का फलदाता माना जाता है। जब शनि और चंद्रमा की युति होती है, तो 'विष योग' बनता है।
असर: यह योग व्यक्ति को गहरे अवसाद और अकेलेपन की ओर ले जाता है।
बुध: तर्क और चिंता
बुध बुद्धि का कारक है। यदि बुध कमजोर हो, तो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा सोचने लगता है और व्यर्थ की चिंताओं में उलझ जाता है।
मानसिक शांति के लिए ज्योतिषीय उपाय
चंद्रमा को अर्घ्य दें: पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को दूध मिश्रित जल अर्पित करें और ॐ सों सोमाय नमः का जाप करें।
चांदी का उपयोग: चांदी की अंगूठी पहनें या चांदी के गिलास में पानी पिएं।
शिव उपासना: भगवान शिव मन के नियंत्रण के देवता हैं। प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय का पाठ करें।
प्राणायाम और ध्यान: ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ध्यान और अनुलोम-विलोम सबसे प्रभावी उपाय हैं।
सफेद वस्तुओं का दान: सोमवार को दूध, चावल या सफेद मिठाई का दान करने से मानसिक शांति मिलती है।
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