ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में गणेशोत्सव की शुरुआत की

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में गणेशोत्सव की शुरुआत की और पूजा-अर्चना के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। उन्होंने जनसेवा को प्राथमिकता देने की बात की और प्रधानमंत्री मोदी के पांच प्रणों को जन-जन तक पहुँचाने का आह्वान किया। सिंधिया ने भाजपा की विचारधारा को फैलाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया और संगठन की नीतियों पर चर्चा की। इस दौरे के दौरान उन्होंने राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
 | 
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में गणेशोत्सव की शुरुआत की

गणेशोत्सव के अवसर पर पूजा-अर्चना

इंदौर/भोपाल। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज मंगलवार को अपने इंदौर दौरे की शुरुआत खजराना स्थित सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में पूजा करके की। गणेशोत्सव के इस पावन अवसर पर उन्होंने भगवान श्री गणेश के चरणों में नमन करते हुए राष्ट्र और प्रदेश की समृद्धि एवं जनकल्याण की कामना की। सिंधिया अपने दो दिवसीय दौरे पर इंदौर आए हैं। खजराना गणेश जी के दर्शन के बाद उन्होंने कहा कि हर शुभ कार्य से पहले प्रभु का आशीर्वाद लेना उनकी परंपरा और पारिवारिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है।


गणेशोत्सव की ऐतिहासिक परंपरा

यह ज्ञात है कि सिंधिया राजघराने में गणेशोत्सव मनाने की एक समृद्ध परंपरा रही है। गणेश चतुर्थी का वर्तमान स्वरूप 1892 में ग्वालियर में प्रारंभ हुआ था, और इसी से प्रेरित होकर बाल गंगाधर तिलक ने गणेशोत्सव को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा। स्वर्गीय महाराज जीवाजीराव सिंधिया ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ग्वालियर टाउन हॉल में बुद्धिजीवियों का सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें डॉ. रवीन्द्रनाथ टैगोर, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, पं. मदनमोहन मालवीय और डॉ. बालकृष्ण शिवराम मुंजे जैसे महान विद्वान शामिल हुए। इस प्रकार गणेशोत्सव न केवल आस्था का पर्व रहा, बल्कि यह समाज में ज्ञान और जागरूकता का माध्यम भी बना। आज भी सिंधिया परिवार पूरे उत्साह और परंपरा के साथ गणेशोत्सव मनाता है। 


भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने प्रवास के दौरान भाजपा कार्यालय में मंडल और जिला अध्यक्षों, विधायकों तथा संगठन की नई और पुरानी टीमों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने 'सेवा' को भाजपा का नारा नहीं, बल्कि कार्य करने की मूल संस्कृति बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के हर कार्यकर्ता का प्राथमिक धर्म जनसेवा और राष्ट्रनिर्माण के प्रति समर्पित होना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने नीति निर्धारण, कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और जन संवाद के माध्यम से पार्टी की विचारधारा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया। कार्यक्रम से पहले उन्होंने राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।


एक देश, एक विधान का सपना

मोदी सरकार ने पूरा किया डॉ मुखर्जी और राजमाता सिंधिया का एक देश एक विधान का सपना

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और राजमाता विजयराजे सिंधिया ने मिलकर जनसंघ की नींव रखी थी, जो आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के रूप में विकसित हो चुकी है। भाजपा एक ऐसा संगठन है जो तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपनी विचारधारा से नहीं डिगा है। डॉ मुखर्जी और राजमाता सिंधिया ने देश में एक देश-एक विधान-एक प्रधान के सिद्धांत को लागू करने का सपना देखा था, और गृहमंत्री जी की रणनीतियों से 370 की दीवार को तोड़ दिया गया है। आज जम्मू कश्मीर भारत के साथ मुख्यधारा में जुड़कर उन्नति के नए आयाम स्थापित कर रहा है। 


जनसेवा को प्राथमिकता

जनसेवा है हर कार्यकर्ता का प्रथम धर्म

सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को सेवा के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने जनसेवा, साधना और समर्पण के माध्यम से सुशासन के नए मानक स्थापित किए हैं। भाजपा का हर कार्यकर्ता, बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक, “जनसेवा” को अपना प्राथमिक धर्म मानता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों सहित भाजपा का हर कार्यकर्ता संगठन का चेहरा है। इसलिए हर कार्यकर्ता को जनता की निस्वार्थ सेवा और उनकी समस्याओं के समाधान में योगदान देने के लिए समर्पित रहना चाहिए। 


प्रधानमंत्री के पांच प्रणों का महत्व

प्रधानमंत्री जी के पांच प्रणों को जन जन तक पहुंचाना है सबका दायित्व

केंद्रीय मंत्री ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करने के लिए हर मंडल और जिला अध्यक्ष को योद्धा की तरह कार्य करना चाहिए और भाजपा की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाना चाहिए। सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकों को दिए गए पांच प्रणों - विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता, तथा नागरिक कर्तव्य का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि इन प्रणों को घर-घर तक पहुँचाना हर कार्यकर्ता का दायित्व है। भाजपा कार्यकर्ता केवल प्रचारक नहीं, बल्कि समाज में परिवर्तन के जीवंत उदाहरण हैं।


संगठन की नीतियों पर चर्चा

बैठक में संगठन की नीतियों, सेवा ही संगठन की भावना, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प तथा “वोकल फॉर लोकल” के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सिंधिया ने कार्यकर्ताओं से निरंतर जनसेवा, राष्ट्रनिर्माण और प्रधानमंत्री जी के सपनों को साकार करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।