जौनपुर में ओझा की हत्या: संतान की चाहत में उठाया गया खौफनाक कदम
यूपी के जौनपुर में ओझा की हत्या का मामला
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक व्यक्ति ने झाड़-फूंक करने वाले ओझा की हत्या कर दी। यह घटना तब हुई जब शख्स की पत्नी को संतान नहीं हो रही थी। ओझा ने उन्हें आश्वासन दिया था कि तंत्र-मंत्र से उन्हें बच्चा होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

जौनपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। संतान की इच्छा पूरी न होने पर झाड़-फूंक करने वाले ओझा की हत्या कर दी गई। पुलिस ने झाड़ियों में मिले अज्ञात शव की पहचान के बाद इस हत्याकांड का खुलासा किया है। पुलिस ने हत्या में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरे आरोपी की तलाश जारी है।
यह घटना सुजानगंज थाना क्षेत्र के बाबूगंज बाजार में हुई। शुक्रवार को बाबूगंज के फत्तूपुर में एक अधेड़ का लहूलुहान शव मिला था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
ओझा की पहचान और हत्या का कारण
पुलिस ने शव की पहचान बसंतू पाल (52) के रूप में की, जो सुल्तानपुर जिले के करौंदी कला थाना क्षेत्र के हरीपुर गांव का निवासी था। वह झाड़-फूंक का कार्य करता था। घटना के एक दिन पहले, उसे दो लोग बाइक पर अपने साथ ले गए थे, लेकिन वह वापस नहीं आया। उसकी हत्या कर दी गई।
पुलिस के अनुसार, हत्यारोपी त्रिवेणी पाठक, राजाराम और सत्तन वाराणसी में माला फूल बेचते हैं। सत्तन की पत्नी को पिछले दस वर्षों से संतान नहीं हो रही थी। वाराणसी में बसंतू पाल के बारे में जानकारी मिलने के बाद, तीनों ने ओझा से संपर्क किया।
संतान की चाहत में पैसे का लेन-देन
संतान की इच्छा में सत्तन ने ओझा को पैसे दिए थे, लेकिन जब उसकी पत्नी को संतान नहीं हुई, तो वह पैसे वापस मांगने लगा। त्रिवेणी और राजाराम पर भी उसने दबाव डाला। इस पर दोनों ने मिलकर ओझा की हत्या की योजना बनाई। पुलिस को गुमराह करने के लिए शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया था।
दो आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीसरा आरोपी सत्तन फरार है, जिसकी तलाश जारी है। त्रिवेणी और राजाराम की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया गया है।
ASP का बयान
जौनपुर के अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आतिश कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को बाबूगंज में एक अज्ञात शव मिला था, जिसकी पहचान बसंतू पाल के रूप में हुई। वह झाड़-फूंक का कार्य करता था। त्रिवेणी, राजाराम और सत्तन वाराणसी में माला फूल बेचते थे। सत्तन की पत्नी को संतान न होने पर उन्होंने ओझा को पैसे दिए थे। जब संतान नहीं हुई, तो उन्होंने सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या कर दी। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और सत्तन की तलाश जारी है।
