जैसलमेर में जुरासिक युग का अद्वितीय जीवाश्म खोजा गया

जैसलमेर के मेघा गांव में एक अद्वितीय जीवाश्म की खोज ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। यह जीवाश्म जुरासिक युग से संबंधित है और इसमें रीढ़ का पूरा हिस्सा मौजूद है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जीवाश्म लगभग 18 करोड़ साल पुराना हो सकता है। इस खोज से जैसलमेर का भूवैज्ञानिक इतिहास और भी समृद्ध हो गया है, और यह क्षेत्र जीवाश्म वैज्ञानिकों के लिए एक नया केंद्र बन सकता है।
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जैसलमेर में जुरासिक युग का अद्वितीय जीवाश्म खोजा गया

जैसलमेर में जीवाश्म की खोज

राजस्थान के जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ उप-मंडल के मेघा गांव में एक महत्वपूर्ण और आश्चर्यजनक खोज हुई है। यहां एक जुरासिक युग से संबंधित एक अनोखा कशेरुकी जीवाश्म मिला है, जिसने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है।




वरिष्ठ जल-भूविज्ञानी डॉ. नारायण दास इनाखिया ने बताया कि यह जीवाश्म विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें रीढ़ का पूरा हिस्सा मौजूद है। उनका अनुमान है कि यह जीवाश्म लगभग 18 करोड़ साल पुराना हो सकता है।


 


इस खोज का महत्व


डॉ. इनाखिया के अनुसार, यह जीवाश्म जैसलमेर के समृद्ध भूवैज्ञानिक इतिहास का एक ठोस प्रमाण है। इस खोज से नई जानकारियों की उम्मीद है, क्योंकि जैसलमेर में पहले भी डायनासोर के पैरों के निशान और हड्डियां मिल चुकी हैं। यह नया जीवाश्म संभवतः किसी डायनासोर या जुरासिक काल के अन्य विशाल जीव का हिस्सा हो सकता है। जीवाश्म में पंखों के निशान भी पाए गए हैं, जो इसे और भी दुर्लभ बनाते हैं।




इस खोज के बाद, जैसलमेर का यह क्षेत्र जीवाश्म वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक नया और महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। यह उपलब्धि न केवल विज्ञान के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि जैसलमेर को एक नया पर्यटन स्थल भी बना सकती है, जहां लोग लाखों साल पुराने इतिहास को करीब से देख सकेंगे।