जैसलमेर बस आग हादसा: 20 यात्रियों की जान गई, जानें कारण और रेस्क्यू की कहानी

राजस्थान के जैसलमेर में एक बस में आग लगने से 20 यात्रियों की जान चली गई। यह घटना जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर हुई, जहां आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। बस के अंदर फंसे यात्री बाहर नहीं निकल पाए, जिससे यह हादसा और भी भयानक हो गया। रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी के कारण स्थिति और गंभीर हो गई। जानें इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी और रेस्क्यू की प्रक्रिया के बारे में।
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जैसलमेर बस आग हादसा: 20 यात्रियों की जान गई, जानें कारण और रेस्क्यू की कहानी

जैसलमेर में बस में आग लगने की घटना

जैसलमेर बस आग हादसा: 20 यात्रियों की जान गई, जानें कारण और रेस्क्यू की कहानी

राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को एक बस में आग लगने से हाहाकार मच गया। यह घटना जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर आर्मी स्टेशन के निकट हुई, जहां एक चलती बस में अचानक आग लग गई। इस भयानक हादसे में 20 यात्रियों की जान चली गई, और सभी की आंखों के सामने यह त्रासदी घटित हुई। आग की लपटों ने किसी को भी बचने का मौका नहीं दिया, जिससे बस के अंदर चीख-पुकार मच गई।

इस दर्दनाक घटना का असर सभी पर गहरा पड़ा है। जिसने भी इस दृश्य को देखा, वह स्तब्ध रह गया। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार बस में आग कैसे लगी और 20 लोग कैसे काल के गाल में समा गए। जांच में पता चला है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था। यह बस के.के ट्रैवल्स की थी और इसे पांच दिन पहले जोधपुर-जैसलमेर रूट पर चलाने के लिए लगाया गया था। यह एक सामान्य बस थी, जिसे एसी स्लीपर में परिवर्तित किया गया था।

क्यों नहीं बच पाए यात्री?

जांच में यह भी सामने आया कि आग बस की पीछे की यूनिट में लगी थी। बस की फाइबर बॉडी और पर्दे के कारण आग तेजी से फैल गई। बस की वायरिंग जलने से दरवाजा लॉक हो गया, जिससे यात्री बाहर नहीं निकल पाए और अंदर ही जलकर मर गए। इस एसी बस में केवल एक गेट था, और गैलरी संकरी होने के कारण यात्रियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।

कैसे हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

जब बस में आग लगने की सूचना सड़क किनारे शराब ठेकेदार कस्तूर सिंह को मिली, तो वह मौके पर पहुंचे। लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि वह पास नहीं जा सके। उन्होंने एक अन्य ठेकेदार का पानी का टैंकर देखा और उसे लेकर आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घटनास्थल जैसलमेर से केवल 9 किलोमीटर दूर था, फिर भी फायर ब्रिगेड की टीम सूचना मिलने के 45 मिनट बाद पहुंची। जब बस का गेट नहीं खुला, तो सेना के जवानों ने जेसीबी लगाकर दरवाजा तोड़ा, तब जाकर रेस्क्यू का काम शुरू हुआ।