जैश ए मोहम्मद का नया ऑनलाइन कोर्स: भारत के खिलाफ फंडिंग का प्रयास
जैश ए मोहम्मद की नई रणनीति
मसूद अजहर
दिल्ली में हुए एक ब्लास्ट मामले में जैश ए मोहम्मद ने भारत के खिलाफ एक 'फिदायीन दस्ता' तैयार करने के लिए फंड जुटाने की योजना बनाई है। सूत्रों के अनुसार, जैश ए मोहम्मद ने पाकिस्तान में डिजिटल हवाला को बढ़ावा देने के लिए 'सदापे' जैसे ऐप्स का उपयोग करते हुए दान स्वीकार करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, उन्होंने 'तुहफत उल मोमिनात' नामक एक ऑनलाइन कोर्स भी शुरू किया है।
लाल किला ब्लास्ट की जांच में यह सामने आया है कि फिदायीन हमले की योजना पाकिस्तान में इस वर्ष बनाई गई थी। एजेंसियों को इस मामले में कुछ चौंकाने वाली जानकारियाँ मिली हैं। लाल किला ब्लास्ट से 15 दिन पहले, जैश ए मोहम्मद ने अपने ऑनलाइन कोर्स की शुरुआत की थी।
महिलाओं के लिए विशेष कोर्स
यह कोर्स विशेष रूप से महिलाओं के लिए तैयार किया गया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, इसका उद्देश्य धार्मिक और जिहादी प्रशिक्षण प्रदान करना और संगठन की गतिविधियों के लिए धन जुटाना है। दिल्ली ब्लास्ट मामले में उमर के वीडियो के सामने आने के बाद और भी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। डॉ. उमर ने हमले से पहले अपने पुलवामा स्थित घर का दौरा किया था।
फिदायीन हमले का वीडियो
डॉक्टर उमर के पास दो फोन थे। एक फोन उसने अपने भाई को दिया और कहा कि अगर उसके बारे में कोई खबर आए तो उसे फेंक देना। यह फोन उमर ने अपने भाई जहूर इलाही को 26 से 29 अक्टूबर के बीच दिया था। जब जहूर ने उमर के साथियों की गिरफ्तारी की खबर सुनी, तो उसने फोन को तालाब में फेंक दिया।
सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में इस फोन को रिकवर किया। इसी फोन से उमर का आत्मघाती हमले का वीडियो मिला है, जिसमें उसने फिदायीन हमले को सही ठहराया है। उमर ने आई20 कार में दिल्ली के लाल किले के पास फिदायीन हमले को अंजाम दिया था।
