जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े दस्तावेज़ों का नया खुलासा: विवाद और पारदर्शिता के सवाल
अमेरिकी न्याय विभाग ने जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े हजारों नए दस्तावेज़ जारी किए हैं, जिनमें कई प्रमुख हस्तियों की तस्वीरें शामिल हैं। ये दस्तावेज़ 'एप्स्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट' के तहत जारी किए गए हैं, लेकिन इनमें से कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ ब्लैकआउट की गई हैं। इस खुलासे ने पारदर्शिता को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी फाइलों पर भी विवाद बढ़ गया है। क्या ये दस्तावेज़ सच्चाई को उजागर करेंगे? जानें पूरी कहानी में।
| Dec 23, 2025, 22:42 IST
अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा जारी नए दस्तावेज़
अमेरिका के न्याय विभाग ने दिवंगत यौन अपराधी और फाइनेंसर जेफ्री एप्स्टीन से संबंधित हजारों नए दस्तावेज़ सार्वजनिक किए हैं। इन फाइलों में कई प्रमुख हस्तियों की तस्वीरें शामिल हैं, जो एप्स्टीन के संपर्क में थीं।
ये दस्तावेज़ “एप्स्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट” के तहत जारी किए गए हैं, जिसे पिछले नवंबर में कांग्रेस ने पारित किया था और तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे कानून का रूप दिया। इस कानून के अनुसार, सरकार को एप्स्टीन और उसकी सहयोगी घिस्लेन मैक्सवेल से जुड़े सभी गैर-गोपनीय दस्तावेज़ों को सार्वजनिक करना था। मैक्सवेल वर्तमान में यौन तस्करी के मामले में 20 साल की सजा काट रही हैं।
हालांकि, इन दस्तावेज़ों के प्रकाशन के बाद पारदर्शिता को लेकर नए सवाल उठ खड़े हुए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कई दस्तावेज़ों को भारी मात्रा में ब्लैकआउट किया गया है, जिससे महत्वपूर्ण जानकारियाँ पढ़ने में कठिनाई हो रही है। अभियान चला रहे संगठनों का कहना है कि इससे सच्चाई पूरी तरह से सामने नहीं आ रही है।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जारी की गई फाइलों में से कम से कम 16 दस्तावेज़ बाद में वेबसाइट से हटा दिए गए हैं। इनमें एक तस्वीर भी शामिल थी, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप दिखाई दे रहे थे। न्याय विभाग ने इस हटाने के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन सोशल मीडिया पर विभाग ने कहा है कि सामग्री की कानूनी समीक्षा और आवश्यक रेडैक्शन की प्रक्रिया जारी है।
यह ध्यान देने योग्य है कि एप्स्टीन ने 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले भी उससे जुड़े कई दस्तावेज़ और अदालत के रिकॉर्ड सामने आ चुके थे। हाल ही में जारी फाइलों में एक महत्वपूर्ण खुलासा यह है कि एफबीआई को एप्स्टीन के अपराधों की जानकारी उसकी पहली गिरफ्तारी से लगभग एक दशक पहले मिल चुकी थी। 1996 में पीड़िता मारिया फार्मर ने एफबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उस समय कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
नई फाइलों में ग्रैंड जूरी की गवाही भी शामिल है, जिसमें नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और पैसों के बदले यौन कृत्यों के विवरण दिए गए हैं। कुछ गवाहों ने बताया कि पीड़िताओं की उम्र 14 साल तक थी। एक गवाह ने कहा कि वह खुद 16 साल की उम्र में एप्स्टीन के संपर्क में आई और बाद में अन्य लड़कियों को लाने के लिए उसे पैसे दिए जाते थे।
इन दस्तावेज़ों के साथ कई तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें बिल क्लिंटन, मिक जैगर, माइकल जैक्सन, डायना रॉस, केविन स्पेसी, रिचर्ड ब्रैनसन और ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि, न्याय विभाग ने इन तस्वीरों के संदर्भ या परिस्थितियों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी।
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के प्रवक्ता ने इन तस्वीरों को भटकाने वाला बताते हुए कहा है कि क्लिंटन पर कभी कोई आरोप नहीं लगा और वे एप्स्टीन से काफी पहले ही संबंध तोड़ चुके थे। वहीं, ट्रंप से जुड़ी फाइलों को लेकर व्हाइट हाउस का कहना है कि प्रशासन अब तक का सबसे पारदर्शी रहा है और पीड़ितों के हित में काम कर रहा है।
डेमोक्रेट सांसदों ने आरोप लगाया है कि फाइलों को अधूरा जारी कर कानून की भावना का उल्लंघन किया गया है। सीनेट और हाउस की कई समितियों ने चेतावनी दी है कि अगर पूरी जानकारी सामने नहीं लाई गई, तो अदालत का दरवाज़ा खटखटाया जा सकता है।
न्याय विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में और दस्तावेज़ जारी किए जाएंगे, लेकिन तब तक यह सवाल बना हुआ है कि एप्स्टीन नेटवर्क से जुड़ी पूरी सच्चाई कब और कितनी सामने आ पाएगी।
