जेपी नड्डा ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर साधा निशाना

जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी में आज भी तानाशाही मानसिकता विद्यमान है। उन्होंने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि पार्टी ने आज तक उस समय की घटनाओं के लिए माफी नहीं मांगी है। नड्डा ने मोदी की भूमिका को भी उजागर किया और लोगों से आपातकाल की यादों को जिंदा रखने का आग्रह किया।
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जेपी नड्डा ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर साधा निशाना

कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता पर नड्डा की टिप्पणी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस में आज भी वही तानाशाही सोच विद्यमान है, जो 50 साल पहले आपातकाल लगाने के पीछे थी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का मानना है कि देश पर शासन करने का अधिकार केवल एक परिवार को है।


आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर नड्डा की बातें

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अब भी नरेन्द्र मोदी जैसे साधारण पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने के विचार को स्वीकार नहीं कर पा रही है।


कांग्रेस की माफी की आवश्यकता

नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस संविधान की बातें करते हैं, लेकिन विपक्षी पार्टी ने आज तक आपातकाल के दौरान 21 महीने की अवधि के लिए माफी नहीं मांगी है, जब जून 1975 से मार्च 1977 के बीच विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।


आपातकाल के दौरान की घटनाएँ

उन्होंने कहा कि उस समय संविधान में अलोकतांत्रिक संशोधन किए गए और इसकी आत्मा को विकृत किया गया। नड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति आज भी वैसी ही है जैसी आपातकाल के समय थी।


कांग्रेस का पत्रकारों के प्रति रवैया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने नेताओं को कुछ पत्रकारों के कार्यक्रमों में शामिल होने से रोका था। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में होती है तो पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज करती है।


मोदी की भूमिका पर प्रकाश

आपातकाल के दौरान भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ सहित विपक्षी दलों के नेताओं को जेल भेजे जाने की घटनाओं को याद करते हुए नड्डा ने कहा कि मोदी ने उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रचारक के रूप में कांग्रेस की ज्यादतियों के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाई।


‘द इमरजेंसी डायरीज’ पुस्तक का उल्लेख

नड्डा ने लोगों से ‘द इमरजेंसी डायरीज- ईयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ नामक पुस्तक पढ़ने का आग्रह किया, जिसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में मोदी की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।


आपातकाल की यादें

उन्होंने कहा कि आपातकाल और उसके परिणामों की यादों को जिंदा रखना आवश्यक है। नड्डा ने जोर देकर कहा कि इंदिरा गांधी ने देश को परिवारवाद और व्यक्तिवाद की प्रयोगशाला में बदल दिया था।


न्यायपालिका पर हमले

नड्डा ने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने न्यायमूर्ति एच. आर. खन्ना जैसे ईमानदार न्यायाधीश को दंडित किया था।


लोकतंत्र की रक्षा के लिए श्रद्धांजलि

नड्डा ने कहा कि उस समय पुलिस की गोली लगने पर भी किसी व्यक्ति को अदालत जाने का कोई अधिकार नहीं था। लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए नड्डा ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र में ‘एक काला अध्याय’ है।