जेएनयू में दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा, ABVP और लेफ्ट कार्यकर्ताओं के बीच टकराव

जेएनयू में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान ABVP और लेफ्ट गठबंधन के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक टकराव की घटना सामने आई है। ABVP ने लेफ्ट कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है, जबकि जेएनयू छात्र संघ ने इसे इस्लामोफोबिया की राजनीति करार दिया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और छात्र संगठनों की प्रतिक्रियाएँ।
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जेएनयू में दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा, ABVP और लेफ्ट कार्यकर्ताओं के बीच टकराव

जेएनयू में फिर से बवाल

जेएनयू में दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा, ABVP और लेफ्ट कार्यकर्ताओं के बीच टकराव

जेएनयू में फिर बवालImage Credit source: Social Media


जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर छात्र संगठनों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गुरुवार को दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान मारपीट की घटना सामने आई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने लेफ्ट गठबंधन के कार्यकर्ताओं, जिसमें AISA, SFI, और DSF शामिल हैं, पर आरोप लगाया है। यह घटना जेएनयू के साबरमती टी प्वाइंट के निकट हुई। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सक्रियता दिखाई है। इससे पहले भी जेएनयू में छात्र संगठनों के बीच कई बार हिंसक झड़पें हो चुकी हैं।


आइए जानते हैं कि जेएनयू में गुरुवार को दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई मारपीट का पूरा मामला क्या है? इस पर छात्र संगठनों की क्या प्रतिक्रिया है?


ABVP ने जलाया उमर खालिद और शरजील का पुतला

यह पूरा विवाद जेएनयू में विजयादशमी के दिन ABVP द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से संबंधित है। इस कार्यक्रम में ABVP ने साबरमती ग्राउंड में रावण के पुतले का दहन किया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, अफजल गुरु, चारु मजुमदार, और कानू सान्याल की तस्वीरें लगी थीं। इस दौरान ABVP के कार्यकर्ता वैभव मीणा ने कहा कि यह वही परिसर है जहां कभी महिषासुर दिवस मनाया गया था। उन्होंने कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के खिलाफ यह एक कदम है। जैसे ही ABVP कार्यकर्ता दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के लिए निकले, छात्रों के बीच टकराव हो गया। ABVP ने लेफ्ट गठबंधन के कार्यकर्ताओं पर मारपीट और अपमानजनक इशारे करने का आरोप लगाया है।


JNUSU का बयान: इस्लामोफोबिया की राजनीति

ABVP द्वारा लगाए गए आरोपों और उमर खालिद तथा शरजील इमाम के पुतले जलाने की घटना पर जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने एक बयान जारी किया है। JNUSU ने कहा कि ABVP रावण दहन का आयोजन कर रही है, जिसमें जेएनयू के दो पूर्व छात्र, उमर खालिद और शरजील इमाम को रावण के रूप में दर्शाया गया है। JNUSU ने सवाल उठाया कि पुतले में केवल उमर और शरजील की तस्वीरें ही क्यों लगाई गई हैं।


JNUSU ने आगे कहा कि उमर खालिद और शरजील इमाम पिछले पांच वर्षों से जेल में हैं और उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे अभी भी विचाराधीन हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब उनके मामले अभी अदालत में हैं, तो उन पर सार्वजनिक रूप से मुकदमा कैसे चलाया जा सकता है?