जेएनयू छात्रसंघ चुनाव से पहले छात्रों के बीच हिंसा, लेफ्ट और एबीवीपी कार्यकर्ताओं में टकराव

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनाव की तैयारियों के बीच लेफ्ट गठबंधन और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। जनरल बॉडी मीटिंग (GBM) के दौरान हुई इस झड़प में कई छात्र घायल हुए हैं। SFI ने ABVP पर आरोप लगाया है कि उन्होंने GBM को हिंसक बना दिया। इस मामले में प्रशासन से जांच की मांग की गई है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके निहितार्थ।
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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव से पहले छात्रों के बीच हिंसा, लेफ्ट और एबीवीपी कार्यकर्ताओं में टकराव

जेएनयू में छात्र टकराव की घटनाएं जारी

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव से पहले छात्रों के बीच हिंसा, लेफ्ट और एबीवीपी कार्यकर्ताओं में टकराव

जेएनयू में जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजनImage Credit source: Social Media

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रसंघ चुनाव की तैयारियों के बीच, लेफ्ट गठबंधन और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के बीच एक बार फिर से भिड़ंत हुई है। इस झड़प में कई छात्र घायल हो गए हैं, जिन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार दिया जा रहा है।

आइए जानते हैं कि यह विवाद किस कारण से हुआ और इसके क्या निहितार्थ हैं।

जनरल बॉडी मीटिंग में हुई हिंसा

जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव के संदर्भ में जनरल बॉडी मीटिंग (GBM) का आयोजन किया जा रहा है। सभी स्कूलों में GBM का आयोजन होता है, जिसमें चुनावी प्रक्रिया को सीमित किया जाता है। बुधवार को स्कूल ऑफ सोशल साइंस (SSS) में GBM के दौरान छात्र संगठनों के बीच हिंसा हुई।

सूत्रों के अनुसार, GBM का कोरम पूरा होने के बाद दोपहर 2:30 बजे बैठक शुरू होने वाली थी, लेकिन कुछ ही समय बाद विवाद बढ़ गया और छात्रों के बीच मारपीट शुरू हो गई।

SFI का एबीवीपी पर आरोप

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए आयोजित GBM में हुई हिंसा के लिए SFI ने ABVP कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है। SFI का कहना है कि ABVP ने GBM को हिंसक बना दिया और कई छात्रों पर हमला किया। SFI ने एक बयान जारी कर कहा कि इस हिंसा के कारण कई छात्र घायल हुए हैं। यह कोई नई घटना नहीं है, बल्कि ABVP का पुराना तरीका है, जो लोकतांत्रिक बहस और असहमति को कुचलने के लिए हिंसा का सहारा लेता है। छात्र संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस हिंसा की पूरी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ABVP की प्रतिक्रिया अभी आनी बाकी है।

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