जूते-चप्पल रखने के वास्तु नियम: जानें कैसे करें सही प्रबंधन

ज्योतिष और जूते-चप्पल का संबंध
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म के समय से ही व्यक्ति का संबंध नवग्रहों से स्थापित हो जाता है, और ये ग्रह जीवनभर उसके भाग्य को प्रभावित करते हैं। जूते और चप्पल का संबंध शनि, राहु और केतु से जोड़ा जाता है, इसलिए इनके उपयोग और रखरखाव के लिए वास्तु और ज्योतिष में विशेष निर्देश दिए गए हैं।
जूते-चप्पल रखने के लिए महत्वपूर्ण नियम
सीढ़ियों के नीचे न रखें जूते-चप्पल: वास्तु के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे जूते-चप्पल रखना एक गंभीर दोष माना जाता है। इसके अलावा, घर के ब्रह्म स्थान और उत्तर-पूर्व दिशा में भी इन्हें नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह घर की सकारात्मक ऊर्जा को बाधित करता है।
मुख्य द्वार पर न उतारें जूते-चप्पल: घर के मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल रखना आपके भाग्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। मुख्य प्रवेश द्वार घर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है, और यहां जूतों का होना अशुभ माना जाता है।
फैले या उल्टे जूते-चप्पलों से बचें: वास्तु के अनुसार, घर में बिखरे, उल्टे या अस्त-व्यस्त पड़े जूते-चप्पल शनि दोष को बढ़ाते हैं। ऐसे घरों में मानसिक तनाव बढ़ता है और कार्यों में रुकावटें आती हैं। इसलिए बुजुर्ग हमेशा जूते-चप्पल को व्यवस्थित और सीधा रखने की सलाह देते हैं।
जूते-चप्पल रखने की सही दिशा: घर में जूते-चप्पल रखने के लिए पश्चिम दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। इसलिए जूते रखने की अलमारी या स्टैंड हमेशा इसी दिशा में होना चाहिए।
शनि दोष से मुक्ति के उपाय
शनि दोष दूर करने का उपाय: यदि आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से प्रभावित हैं, तो शनिवार को बिना किसी को बताए किसी मंदिर के बाहर अपने पुराने जूते-चप्पल उतारना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से शनि मंदिर में यह उपाय करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। फटे या अनुपयोगी जूते शनिवार को घर से बाहर कर देना चाहिए।