जीवाजी विश्वविद्यालय में प्रायोगिक परीक्षाओं की निगरानी के लिए CCTV का उपयोग
ग्वालियर में परीक्षा प्रक्रिया में सुधार
ग्वालियर
जीवाजी विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाओं में अनियमितताओं और धोखाधड़ी की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं। इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए, विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
अब सभी महाविद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में आयोजित की जाएंगी। नए निर्देशों के अनुसार, परीक्षा के दौरान छात्रों की पूरी प्रक्रिया कैमरे में रिकॉर्ड की जाएगी। इसके अलावा, परीक्षकों की उपस्थिति, प्रश्न पूछने की प्रक्रिया और मूल्यांकन से संबंधित सभी गतिविधियों को भी रिकॉर्ड किया जाएगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का मानना है कि इससे परीक्षा में होने वाले धोखाधड़ी और मनमानी पर प्रभावी रोक लग सकेगी।
उड़नदस्ता करेगा वीडियोग्राफी
परीक्षा के दौरान निरीक्षण के लिए जाने वाले उड़नदस्तों को भी अपनी कार्रवाई को कैमरे में रिकॉर्ड करना होगा। जब उड़नदस्ता किसी परीक्षा केंद्र का निरीक्षण करेगा, उस समय की गई जांच, बातचीत और व्यवस्थाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निरीक्षण प्रक्रिया भी निष्पक्ष और पारदर्शी रहे।
रिकॉर्डिंग के बिना अंक नहीं
एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि छात्रों को दिए जाने वाले प्रायोगिक अंकों को भी सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग के आधार पर मान्यता दी जाएगी। यदि किसी परीक्षा या मूल्यांकन में विवाद उत्पन्न होता है, तो रिकॉर्डिंग को प्रमाण के रूप में उपयोग किया जाएगा। यदि किसी कॉलेज से वीडियो उपलब्ध नहीं होती है, तो उस कॉलेज के छात्रों के अंक अपडेट नहीं किए जाएंगे।
जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन इस व्यवस्था को अपने अधीनस्थ 350 से अधिक सरकारी और निजी महाविद्यालयों में लागू कर रहा है। कुलसचिव राजीव मिश्रा ने कहा, 'प्रायोगिक परीक्षाओं में कई बार गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं, इसलिए छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की जा रही है।'
