जीएसटी में बदलाव: आम आदमी के लिए राहत की नई उम्मीद

जीएसटी की जटिलताओं का समाधान
जीएसटी लागू होने के आठ साल बाद भी, टैक्स की जटिलताएं और स्लैब को लेकर भ्रम बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में जीएसटी में कटौती का ऐलान किया।
सरकार का नया प्रस्ताव
सरकार चार मौजूदा टैक्स स्लैब — 5%, 12%, 18% और 28% को घटाकर केवल दो स्लैब में बदलने की योजना बना रही है, जिसमें 5% और 18% शामिल होंगे। इस बदलाव से आवश्यक वस्तुएं सस्ती होंगी और व्यापारियों के लिए टैक्स प्रणाली सरल होगी।
जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक
जीएसटी काउंसिल 3-4 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर रही है। इस बैठक में खाद्य पदार्थों और कपड़ों पर एक समान 5% टैक्स लगाने पर चर्चा की जाएगी। यदि यह निर्णय लिया जाता है, तो इससे टैक्स की उलझन समाप्त होगी और आम जनता को सीधा लाभ होगा।
खाद्य और कपड़ों पर समान टैक्स
खाद्य पदार्थ और कपड़े हमारे दैनिक जीवन की आवश्यकताएं हैं। वर्तमान में इन पर अलग-अलग टैक्स स्लैब लागू हैं, जिससे ग्राहकों और दुकानदारों को कठिनाई होती है। रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी काउंसिल इन्हें एक समान 5% टैक्स पर लाने पर विचार कर रही है।
सीमेंट पर टैक्स में कमी
सीमेंट पर 28% टैक्स को घटाकर 18% करने का प्रस्ताव भी चर्चा में है। यह बदलाव निर्माण सामग्री की कीमतों को कम करेगा, जिससे घर बनाने या मरम्मत करने वालों को राहत मिलेगी।
सेवाओं पर टैक्स में कमी
कुछ सेवाओं जैसे सैलून और ब्यूटी पार्लर पर भी टैक्स घटाने की योजना है। 18% टैक्स को घटाकर 5% करने से ये सेवाएं आम लोगों के लिए सस्ती हो जाएंगी।
टैक्स स्लैब को सरल बनाना
जीएसटी के तहत चार टैक्स स्लैब की जटिलता को कम करने के लिए इसे केवल 2 स्लैब में लाने पर विचार किया जा रहा है। 5% स्लैब में रोजमर्रा के सामान और सेवाएं शामिल होंगी, जबकि 18% में महंगी वस्तुएं।
आम आदमी को राहत
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार 22 सितंबर से नया जीएसटी स्लैब लागू करने की योजना बना रही है। यह नवरात्रि के त्योहारों के साथ मेल खाता है, जिससे ग्राहकों को खास लाभ मिलने की उम्मीद है।