जीएसटी में कटौती से आम जनता और लघु उद्योगों को होगा लाभ

भाजपा के शमशेर सिंह खरक ने जीएसटी में कटौती के फायदों पर प्रकाश डाला है। उनका कहना है कि इससे आम जनता को सस्ती वस्तुएं मिलेंगी और लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी में कमी से मांग बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इसके अलावा, यह महंगाई को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित होगा। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की सोच और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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जीएसटी में कटौती से आम जनता और लघु उद्योगों को होगा लाभ

जीएसटी में कमी का प्रभाव

रोहतक। भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी शमशेर सिंह खरक ने कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में कमी से आम लोगों को काफी लाभ होगा और छोटे उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।


 


खरक ने बताया कि जीएसटी में कमी से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में गिरावट आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर सामान और सेवाएं मिलेंगी। इससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों में कमी से वस्तुओं और सेवाओं की मांग में भी वृद्धि होगी, जिससे बाजारों में खपत और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।




भाजपा नेता ने कहा कि जीएसटी की दरों में संशोधन कर उन्हें कम करने से प्रधानमंत्री के लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। इससे छोटे और मध्यम उद्यमों पर कर का बोझ कम होगा, जिससे उनकी लागत घटेगी और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बने रह सकेंगे। इससे देश के निर्यात में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। हालांकि, जीएसटी में कमी से सरकार के राजस्व पर असर पड़ेगा, फिर भी केंद्र की मोदी सरकार ने आम जनता के हितों को प्राथमिकता देते हुए इसे संतुलित तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करता हूँ।




खरक ने कहा कि मांग में वृद्धि और व्यवसायों की लागत में कमी से आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इससे रोजगार सृजन और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश आर्थिक रूप से और मजबूत होगा।


 


उन्होंने कहा कि जीएसटी में कमी से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें घटेंगी, जिससे मुद्रास्फीति पर नियंत्रण में मदद मिलेगी और महंगाई को भी कम किया जा सकेगा।


 


प्रदेश मीडिया सह प्रभारी ने बताया कि जीएसटी की दरें कम करने से व्यवसायों के लिए कर का अनुपालन भी आसान होगा और कर चोरी की प्रवृत्ति को भी कम किया जा सकेगा।