जीएसटी 2.0: नई दरों का असर शहरी परिवारों के बजट पर

22 सितंबर से जीएसटी 2.0 की नई दरें लागू होने जा रही हैं, जो शहरी परिवारों के बजट को प्रभावित करेंगी। इस बदलाव से कई सेवाएं सस्ती होंगी, जैसे सैलून और जिम, जबकि ऑनलाइन फूड डिलीवरी पर खर्च बढ़ेगा। जानें इस नई व्यवस्था का आपके दैनिक जीवन पर क्या असर पड़ेगा और किन चीजों पर आपको अधिक खर्च करना पड़ेगा।
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जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर से लागू

22 सितंबर से जीएसटी (GST) की नई दरें लागू होने जा रही हैं, जो शहरी परिवारों के मासिक बजट को प्रभावित करेंगी। कुछ वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी, जबकि अन्य पर खर्च बढ़ेगा। आइए जानते हैं कि जीएसटी 2.0 का आपके दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।


66% खर्च 5% स्लैब में

फिक्की और थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब शहरी परिवारों के कुल खर्च का 66% हिस्सा उन वस्तुओं और सेवाओं पर जाएगा जिन पर या तो 0% या केवल 5% जीएसटी लगेगा। पहले यह हिस्सा लगभग 50% था।



  • 0% स्लैब पर खर्च 32.3% से बढ़कर 32.9% होगा।

  • 5% स्लैब में खर्च का हिस्सा 18.2% से बढ़कर 33.3% हो जाएगा।

  • 12% स्लैब को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।

  • 18% स्लैब का हिस्सा 16.9% से घटकर 14.1% होगा।

  • 28% और उससे अधिक टैक्स वाली वस्तुओं का हिस्सा घटकर 0.2% रह जाएगा।


सैलून, जिम और योगा सेवाएं होंगी सस्ती

रोज़मर्रा की सेवाओं पर सबसे बड़ी राहत मिलेगी। अब सैलून, स्पा, जिम और योगा जैसी सेवाओं पर 18% की जगह केवल 5% जीएसटी लगेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी का सैलून बिल 2,000 रुपए है, तो अब उस पर 100 रुपए टैक्स लगेगा, जबकि पहले 360 रुपए देना पड़ता था। हालांकि, व्यवसायियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।


ज़रूरी सामान पर भी मिलेगी राहत

साबुन, शैंपू, शेविंग क्रीम, टूथपेस्ट, टूथब्रश, डेंटल फ्लॉस और फेस पाउडर जैसी आवश्यक वस्तुएं अब 5% स्लैब में शामिल हो गई हैं। पर्चे वाले चश्मों पर भी टैक्स घटकर केवल 5% रह गया है। साइकिल और उसके पार्ट्स पर अब 12% की बजाय 5% जीएसटी लगेगा। हालांकि, माउथवॉश अभी इस बदलाव में शामिल नहीं है।


फूड डिलीवरी पर बढ़ेगा खर्च

ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने वालों को झटका लगेगा। 22 सितंबर से ज़ोमैटो, स्विगी और मैजिकपिन जैसी ऐप्स पर डिलीवरी चार्ज पर 18% जीएसटी लगेगा। इससे हर ऑर्डर पर 2 से 2.6 रुपये तक का अतिरिक्त खर्च आएगा। त्योहारों के मौसम में बार-बार ऑर्डर करने वालों के लिए यह असर स्पष्ट होगा। नई जीएसटी दरों से शहरी परिवारों को व्यक्तिगत देखभाल और आवश्यक सामान में बचत होगी। सैलून, जिम और योगा जैसी सेवाओं पर भी राहत मिलेगी। लेकिन, यदि आप बार-बार ऑनलाइन खाना मंगाते हैं, तो डिलीवरी चार्ज पहले से ज्यादा चुकाना पड़ेगा।